राकेश
फरीदाबाद। दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे के लिए बाईपास को 12 लेन करने की राह
में अवैध निर्माण रोड़ा बने हुए हैं। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पिछले लंबे समय से अवैध निर्माण को
तोड़ने की बात तो कह रहा है, पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे इतर पूर्व में ग्रीन बेल्ट पर खड़े
वर्षों पुराने पेड़ों को काटा जा चुका है। अब और पेड़ न काटे जाएं, इसी मांग को लेकर शुक्रवार को विभिन्न
आरडब्ल्यूए से पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के प्रशासक प्रदीप दहिया
से उनके कार्यालय में मिला। प्रतिनिधिमंडल ने आशंका व्यक्त की कि बाईपास पर अवैध निर्माण टूट नहीं रहे,
इससे आशंका है कि कहीं फिर से ग्रीन बेल्ट को उजाड़ कर हजारों पेड़ फिर न काट दिए जाएं। कन्फेडरेशन की
ओर से इस बाबत एक ज्ञापन परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, विधायक नरेंद्र गुप्ता व जिला उपायुक्त यशपाल
यादव को भी दिया गया है, जिसमें अवैध निर्माण तोड़ने की मांग की गई है। प्रशासक ने आश्वस्त किया कि
अवैध निर्माण तोड़ने की योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने ग्रीन बेल्ट पर पेड़ों की कटाई न होने देने का भी
आश्वासन दिया।
महासचिव एएस गुलाटी ने प्रशासक को बताया कि सेक्टर-59 से 37 तक बाईपास 26 किलोमीटर है। इसके
किनारे हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के 16 सेक्टर हैं। इन सभी सेक्टरों के आसपास की हवा को शुद्ध
करने में ग्रीन बेल्ट अहम भूमिका निभाती है। यदि ग्रीन बेल्ट समाप्त कर यहां एक्सप्रेस-वे बना दिया गया तो
वायु प्रदूषण बहुत अधिक बढ़ जाएगा। लोगों का सांस लेना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि सरकार एक ओर
पौधारोपण अभियान को बढ़ावा देने का दावा करती है और यहां हजारों पेड़ों को काट दिया गया है। औद्योगिक
नगरी वायु प्रदूषण के मामले में देशभर में टाप 10 में शुमार रहती है। यदि यही हाल रहा तो वहां बहुत बड़ा
संकट खड़ा हो जाएगा। गुलाटी के साथ कन्फेडरेशन के संगठन सचिव सुबोध नागपाल, अभय जांगड़ा और
एसपी चौधरी ने काटे गए पेड़ों की एवज में कई गुना पौधे लगाने की मांग की है।