गुरुग्राम – अपैरल मेड-अप्स एंड होम फर्निशिंग सेक्टर स्किल काउंसिल (AMHSSC) ने स्वीज कंपनी ब्लूसाइन® के साथ मिलकर 9 अगस्त, 2024 को होटल ओबरॉय में आयोजित एक कार्यक्रम में “फाउंडेशन टू अपैरल सस्टेनेबिलिटी” ई-लर्निंग कोर्स की शुरुआत की। इसका उद्देश्य भारतीय अपैरल और टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री में सस्टेनेबल प्रैक्टिस (सतत कार्यप्रणाली) को बढ़ावा देना है। उद्घाटन समारोह में उद्योग जगत के दिग्गज लोग शामिल हुए, जिनमें अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन सुधीर सेखरी, ऋचा ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन वीरेंद्र उप्पल, AMHSSC के चेयरमैन पद्मश्री डॉ. ए सक्थिवेल, ब्लूसाइन टेक्नोलॉजीज के कस्टमर रिलेशन डायरेक्टर कैथरीन वेरेना मेयेर व अन्य शामिल थे।
भारतीय अपैरल और टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 2% और मैन्यूफैक्चरिंग (विनिर्माण) क्षेत्र में 18% का योगदान देता है। इस उद्योग से करीब 4.5 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष और 6 करोड़ लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है। दुनिया के 5वें सबसे बड़े निर्यातक होने के नाते देश में इस क्षेत्र में सतत विकास की तत्काल है। ब्लूसाइन® अकादमी द्वारा AMHSSC के सहयोग से विकसित फाउंडेशन टू अपैरल सस्टेनेबिलिटी कोर्स सितंबर 2024 में शुरू होगा। आठ सप्ताह वाले इस ऑनलाइन कोर्स में प्रत्येक सप्ताह एक ई-लर्निंग मॉड्यूल पर फोकस होगा। इसका उद्देश्य भारतीय बाजार को ध्यान में रखते हुए अपैरल और टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री में ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और शासन लक्ष्य) पहलुओं की गहन जानकारी देना है। यह कोर्स इंडस्ट्री के प्रोफेशनल्स को जरूरी ज्ञान और कौशल से लैस कर माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 2070 तक नेट ज़ीरो प्राप्त करने की दिशा में काम करेगा।
इस पाठ्यक्रम में छात्रों को थ्योरी और प्रैक्टिकल स्किल सिखाकर उन्हें मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में काम करने के लिए तैयार किया जाएगा। सीनियर और मिडिल मैनेजमेंट को इस कोर्स के जरिये जागरूक और सशक्त बनाने से वह एक जिम्मेदार प्रोफेशनल बनेंगे, जिससे वैश्विक स्तर पर भारत सतत कार्यप्रणाली को बढ़ावा देने में अग्रणी बनेगा। कवर किए गए विषयों में सस्टेनेबल फैशन का परिचय, फैशन उद्योग का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, सतत फाइबर, इकोफ्रेंडली टेक्सटाइल्स प्रोसेस, उसका प्रभाव और मूल्यांकन, रासायनिक प्रबंधन और खतरे का आकलन, परिधान सस्टेनेबिलिटी के सामाजिक और नैतिक पहलू एवं रिपोर्टिंग शामिल हैं। यह पहल न केवल भारत के अपैरल और टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री में जिम्मेदार व्यावसायिक आचरण के लिए नए मानक स्थापित करेगा, बल्कि सस्टेनेबल प्रोडक्ट्स (टिकाऊ उत्पादों) के लिए अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और उपभोक्ताओं के मांग को भी पूरा करेगा। यह ई-लर्निंग कोर्स गुरुग्राम व दिल्ली-एनसीआर को अपैरल और टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री में सतत कार्यप्रणाली (सस्टेनेबल प्रैक्टिस) को प्रभावी ढंग से लागू कर इसे एक केंद्र के रूप में स्थापित करने में मददगार साबित होगा। एएमएचएसएससी के चेयरमैन पद्मश्री डॉ. ए सक्थिवेल ने विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए ईएसजी मानकों का पालन करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने निर्मित वस्तुओं के लिए डिजिटल पासपोर्ट पर आगामी यूरोपीय संघ की नीति के बारे में बताया और उद्योग से ब्लूसाइन टेक्नोलॉजीज को सहयोग करने का आग्रह किया। ऋचा ग्लोबल के चेयरमैन वीरेंद्र उप्पल ने ईएसजी के महत्व पर प्रकाश डाला और आज के उद्योग में इसकी महत्वपूर्ण प्रासंगिकता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ब्लूसाइन टेक्नोलॉजीज के सहयोग से AMHSSC द्वारा शुरू किया गया ई-लर्निंग कार्यक्रम उद्योग के पेशेवरों के लिए फायदेमंद है और सस्टेनेबल प्रैक्टिस के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल देगा।
अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन सुधीर सेखरी ने भारतीय निर्माताओं की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता और तैयारी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस संतुलन को बनाए रखना दीर्घकालिक सफलता के लिए आवश्यक है। उन्होंने ईएसजी जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। ब्लूसाइन टेक्नोलॉजीज में कस्टमर रिलेशन डायरेक्टर (दक्षिण एशिया) सुश्री कैथरीना वेरेना मेयेर ने कहा कि “ब्लूसाइन® इस पाठ्यक्रम पर AMHSSC के साथ सहयोग करने के लिए रोमांचित है। हमारा लक्ष्य संधारणीय नवाचार (सस्टेनेबल इनोवेशन) और जिम्मेदार विनिर्माण कार्यप्रणाली को बढ़ावा देना है, जिससे सभी के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित हो सके।” एएमएचएसएससी और ब्लूसाइन® अपैरल और टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री क्षेत्र के सभी हितधारकों को इस परिवर्तनकारी पाठ्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता हैं। एक साथ हम उद्योग के लिए एक संधारणीय भविष्य (सस्टेनेबल फ्यूचर) सुनिश्चित कर सकते हैं, जिससे बिजनेस के साथ पर्यावरण और समाज को भी लाभ होगा।