नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय से मंगलवार को हाथरस मामले की
सीबीआई जांच का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई निहित स्वार्थ से
गलत और झूठे विमर्श नहीं रच पाएगा। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध एक जनहित
याचिका की प्रतिक्रिया में प्रदेश सरकार ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि स्वतंत्र केंद्रीय एजेंसी से जांच कराई जाए।
हाथरस के एक गांव में चार लोगों द्वारा कथित रूप से दुष्कर्म के एक पखवाड़े बाद दलित युवती की 29 सितंबर
को दिल्ली के एक अस्पताल में गंभीर चोटों की वजह से मौत हो गई थी। प्रदेश सरकार ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी
द्वारा जांच से निष्पक्ष जांच में निहित स्वार्थों द्वारा उत्पन्न की जा रही बाधाओं को दूर किया जा सकेगा। उप्र
सरकार ने कहा, सीबीआई जांच सुनिश्चित करेगी कि कोई निहित स्वार्थ से गलत और झूठे विमर्श नहीं रच पाएं।
प्रदेश सरकार ने हलफनामे में कहा कि उसने केंद्र सरकार से पहले ही मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का
अनुरोध किया है। कथित सामूहिक दुष्कर्म और मौत के मामले के अलावा राज्य सरकार ने सीबीआई से प्रदेश में
सांप्रदायिक विद्वेष, हिंसा भड़काने, मीडिया के एक वर्ग द्वारा भड़काऊ प्रचार की घटना और राजनीतिक हितों की
कथित साजिश के संबंध में दर्ज प्राथमिकी की जांच करने का अनुरोध किया है।