इसके बाद राष्ट्रीय एकता में नागरी लिपि की भूमिका सूचना प्रौद्योगिकी एवं नागरी लिपि तथा विश्व लिपि के रूप में नागरी लिपि की समर्थता पर क्रमश तमिलनाडु, गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक पुदुचेरी के नागरी लिपि विशेषज्ञों शोध पत्र के माध्यम से नागरी लिपि के विविध पक्षों पर शोध परक आलेख प्रस्तुत किए। तत्पश्चात संध्याकाल में सर्वभाषा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।इसकी अध्यक्षता आचार्य ओमप्रकाश एवं संचालन मंचीय कवि श्री मोहन द्विवेदी ने किया। धन्यवाद ज्ञापित किया।

asiakhabar.com | November 18, 2023 | 4:11 pm IST

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *