नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगाई जाने वाली याचिका पर
अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी विधानसभा चुनाव से पहले 1 अप्रैल से
नए इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया
था।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से केंद्र सरकार से कहा गया कि वह इलेक्टोरल बॉन्ड के किसी भी संभावित दुरुपयोग के
मामले को देखे। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अगुवाई वाली बेंच ने उस याचिका पर फैसला
सुरक्षित रख लिया था जिसमें एडीआर ने अर्जी दाखिल कर कहा है कि आगमी विधानसभा चुनाव के लिए
इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगाई जाए।
याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि हम कोर्ट का ध्यान आरबीआई के गवर्नर द्वारा सरकार को लिखे
लेटर पर लाना चाहते हैं जिसमें कहा गया था कि इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम खतरों से भरा हुआ है और इससे भारत
के वित्तीय सिस्टम पर विपरीत असर हो सकता है। आरबीआई के लेटर में कहा गया है कि डोनर कौन है सिर्फ बैंक
जानता है यहां तक कि चुनाव आयोग को भी नहीं पता है। स्कीम का गलत इस्तेमाल हो सकता है और सीमा पार
के नकली नोटों का भी गलत इस्तेमाल हो सकता है।