आरटीआई एक्ट का मखौल नहीं मिल पायी निर्धारित समय मे जानकारी संदीप त्यागी रसम

asiakhabar.com | August 21, 2024 | 4:25 pm IST
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गाजियाबाद:इस बैठक में स्वयं महापौर द्वारा सदन मे गाजियाबाद नाम परिवर्तन विषय पर प्रस्ताव रखा व लगभग सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ अत्याचारियों को सम्मानित करती मानसिकता भारत छोडो अभियान के अंतर्गत गाजियाबाद नाम परिवर्तन संबंधित इस प्रस्ताव मे अग्रिम कार्यवाही की जानकारी के संबंध में नाम परिवर्तन अभियान संयोजक एडवोकेट संदीप त्यागी रसम ने मुख्यमंत्री कार्यालय से दिनांक के आरटीआई आवेदन द्वारा जानकारी मांगी कि 9 जनवरी 2024 को नगर निगम गाजियाबाद बोर्ड बैठक में पारित गाजियाबाद नाम परिवर्तन का प्रस्ताव माननीय मुख्यमन्त्री जी के समक्ष किस दिनांक को पहुंचा व इस पर अभी तक क्या कार्रवाई हुई है
अगर नहीं पहुंचा है तो विलम्ब का कारण व उसके दोषी कौन हैं आदि जानकारी मांगी गई है मुख्यमंत्री कार्यालय में आरटीआई दिनांक 11 जून को प्राप्त होने व दिनांक 19/06/2024 को राजस्व विभाग को अंतरित किए जाने की सूचना मुख्यमंत्री कार्यालय ने संदीप त्यागी रसम को भेजी है
राजस्व विभाग ने दिनांक 01/07/2024 को आरटीआई आवेदन पत्र को नगर विकास विभाग को अंतरित करने की सूचना गाजियाबाद नाम परिवर्तन अभियान संयोजक एडवोकेट संदीप त्यागी रसम को भेजकर अपना कर्तव्य निर्वहन किया इस स्थिति में संदीप त्यागी रसम ने जानना चाहा है कि क्या मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारीगण यह भी नहीं जानते कि संबंधित विषय किस विभाग से संबंधित है या बात कुछ और है
आरटीआई एक्ट के तहत निर्धारित समय बीतने के बाद भी कोई जवाब अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है निर्धारित समय में जानकारी प्राप्त न होना आरटीआई एक्ट का खुला उल्लंघन है आवेदक के जानकारी प्राप्त करने के अधिकार का हनन है जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 19(1) के अंतर्गत एडवोकेट संदीप त्यागी रसम द्वारा अपीलीय अधिकारी मुख्य सचिव नगर विकास विभाग के समक्ष अपील की गई है यहां देखने योग्य बात यह होगी कि योगी आदित्यनाथ सरकार के अधिकारीगण इस विषय पर जानकारी देते हैं या पत्र को फिर किसी अन्य विभाग को अंतरित करने का मार्ग अपनाकर कर कर्तव्य निर्वहन करेंगे


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