नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आम्रपाली स्मार्ट सिटी डेवलपर्स और कंपनी
के निदेशक अनिल कुमार शर्मा समेत चार लोगों के खिलाफ 472 करोड़ रुपये से अधिक की कथित बैंक धोखाधड़ी
का मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
कंपनी ने कथित तौर पर तत्कालीन कॉरपोरेशन बैंक (अब यूनियन बैंक ऑफ इंडिया), ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स
(अब पंजाब नेशनल बैंक) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के बैंकों के एक संघ को 472.24 करोड़ रुपये का नुकसान
पहुंचाया है।
सीबीआई की यह कार्रवाई कॉरपोरेशन बैंक की एक शिकायत पर हुई है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनी
का शुरू से ही इरादा ठीक नहीं था, उसने समझौते के तहत बकाया राशि का भुगतान करने में चूक करना शुरू कर
दिया और अपने दायित्वों को पूरा करने में विफल रही।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया, ‘‘ऋण राशि के वितरण के बाद से कंपनी ने जानबूझकर उसका भुगतान करने में
चूक की। ऋण खाते ने गड़बड़ी के संकेत दिखने लगे और अंत में इसे एक गैर-निष्पादित संपत्ति के रूप में वर्गीकृत
किया गया…।’’
एजेंसी ने कंपनी, उसके तीन निदेशकों शर्मा, शिव प्रिया और अजय कुमार और वैधानिक लेखा परीक्षक अमित
मित्तल के खिलाफ मामला दर्ज किया है। शर्मा, शिव प्रिया और कुमार इस समय जेल में हैं।
बैंक ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कंपनी के फॉरेंसिक ऑडिट का आदेश दिया था और रिपोर्ट सीधे अदालत को
सौंपी गई थी। बैंक ने कहा, ‘‘सांविधिक लेखा परीक्षक, (अमित) मित्तल, अपने कर्तव्य पूरे करने में विफल रहे और
फॉरेंसिक रिपोर्ट में सामने आई धोखाधड़ी का हिस्सा थे। बैंकों से प्राप्त धन का गैर-अनुमोदित चीजों के लिए कई
वर्षों तक बिना ब्याज दिए इस्तेमाल किया गया, जैसे निदेशकों की व्यक्तिगत संपत्ति के निर्माण, निदेशकों के
व्यक्तिगत खर्चों आदि।’’
बैंक ने कहा कि कंपनी ने धन का हेरफेर करके, ‘डमी’ कंपनियां, फर्जी बिल बनाकर, कम कीमत पर फ्लैट बेचकर,
फेमा तथा एफडीआई मानदंडों का उल्लंघन करके और धन शोधन के जरिए बैंकों को धोखा दिया है।