सुबोध कुमार
लखनऊ। आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश पुलिस के आठ
पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का एक नोटिस दिया है और वह चाहते हैं कि
उन्हें संसद की विशेषाधिकार समिति के सामने तलब किया जाए।
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को भेजे एक पत्र में संजय सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के आठ वरिष्ठ
पुलिस अधिकारियों ने उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण इरादे से एफआईआर दर्ज की थी और उन्हें अपने राजनीतिक
कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने की कोशिश की है।
आप सांसद की शिकायत उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज की गई नौ प्राथमिकियों के जवाब में आई है।
सिंह ने अपने पत्र में संसद सदस्य को परेशान करने पर आठ पुलिस अधिकारियों को संसद की विशेषाधिकार
समिति के सामने तलब करने और उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
सभी आठ पुलिस अधिकारी अधीक्षक रैंक के हैं और वे उन जिलों से हैं जहां कथित रूप से सांप्रदायिक द्वेष
भड़काने के लिए सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
आप सांसद ने 12 अगस्त को एक संवाददाता सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ सरकार पर ठाकुर समर्थक होने का
आरोप लगाया था और कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को
आमंत्रित न करके दलितों का अपमान किया गया है, जो इस महीने की शुरुआत में हुआ था। ।
अपने पत्र में, उन्होंने आरोप लगाया है कि जब वह उत्तर प्रदेश में जातिगत भेदभाव के खिलाफ और गरीबों के
समर्थन में अपनी आवाज उठाने की कोशिश कर रहे थे, तो एफआईआर दर्ज करना उनकी आवाज दबाने का एक
प्रयास है।
तब से, उनके खिलाफ नौ एफआईआर दर्ज हो चुके हैं, हालांकि उन्होंने कहा है कि ये उत्तर प्रदेश में वांछित
अपराधी के रूप में उन्हें दर्शाने के लिए एक बड़ी साजिश का हिस्सा हैं।
पुलिस अधीक्षक रैंक के जिन अधिकारी के खिलाफ सिंह कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, वे लखनऊ, बस्ती,
मुजफ्फरनगर, बागपत, लखीमपुर खीरी, संत कबीर नगर, गोरखपुर और अलीगढ़ से हैं।