नई दिल्ली। दिल्ली की सातों जिला अदालतें सोमवार से 50 फीसदी क्षमता के साथ खुलेंगी।
इस बाबत परिपत्र जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि जिला अदालतों में 50 फीसदी न्यायिक अधिकारी
प्रतिदिन काम करेंगे। इसी तरह 50 प्रतिशत कर्मचारी भी अदालत में हाजिर रहेंगे। वहीं, 2 मार्च से अदालतें
नियमित रूप से काम करेंगी।
सभी जिला अदालतों के जिला न्यायाधीश की ओर से रोटेशन के आधार पर अदालत खोलने की सूची तैयार कर ली
गई हैं। इस सूची के आधार पर सोमवार से न्यायिक अधिकारी अदालतों में बैंठेंगे। हालांकि, बाकी बचे 50 फीसदी
न्यायिक अधिकारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग से नियमित तौर पर मामलों की सुनवाई जारी रखेंगे। यह प्रक्रिया 14 फरवरी
से 28 फरवरी तक जारी रहेगी। आगामी 2 मार्च से सभी अदालतों को नियमित तौर पर खोल दिया जाएगा। साथ
ही परिपत्र में कहा गया है कि जो भी मुद्दई या वकील अदालत खुलने के बाद भी मामले की सुनवाई वर्चुअल मोड
में करना चाहेगा, वह इसका आग्रह कर सकता है। इसके लिए संबंधित अधिकारी से संपर्क कर सकता है। उसके
आग्रह पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग से सुनवाई को प्राथमिकता दी जाएगी। यह व्यवस्था सभी अदालतों में नियमित तौर
पर खुलने के बाद भी जारी रहेंगी।
अदालत खोलने के साथ ही निर्देश कहा गया है कि अदालतकर्मी, वकील, मुद्दई और कोर्ट आने वाले अन्य लोगों को
कोरोना नियमों का पालन करना होगा। मास्क पहनना अनिवार्य होगा। सामाजिक दूरी का पालन करना होगा।
परिपत्र में अदालत आने वाले सभी पक्षकारों को कहा गया है कि वह जल्द से जल्द अपनी वैक्सीन की डोज पूरी
कर लें। इनमें अदालतकर्मी समेत सभी शामिल हैं, ताकि भविष्य में कोरोना महामारी से बचाव में मदद मिल सके।
जिससे अदालती कार्रवाई को सुचारू रूप से चलाया जा सके। दरअसल, दो साल तक अधिकांश समय अदालतें बंद
रही हैं जिसकी वजह से मुकदमों का बोझ बढ़ गया है।