
सुप्रीम कोर्ट का आदेश आते ही एशिया की सबसे बड़ी पटाखा मार्केट सदर में सोमवार को हड़कंप मच गया। व्यापारियों को समझ ही नहीं आ रहा था कि वे क्या करें। सबकी चिंता यही थी कि दुकान में लाखों का माल पड़ा है, अब उसका क्या होगा।
दोपहर 1 बजे
दिल्ली पुलिस दस्ते ने पटाखा कारोबारियों के लाइसेंस जब्त कर उनकी दुकानें बंद करानी शुरू कर दीं। इससे आक्रोशित पटाखा व्यवसायी सड़क पर आकर नारेबाजी करने लगे। कई व्यापारियों ने पटाखे सड़क पर रखकर बेचना भी शुरू किया तो पुलिस ने उनके माल को जब्त कर लिया।
पटाखा व्यवसायियों ने कहा कि अगर प्रतिबंध लगाना ही था तो चार दिन पहले हमें लाइसेंस क्यों दिए गए? अब हम बिना लाइसेंस पटाखें कहां रखें। इससे हमें जो नुकसान होगा, उसकी भरपाई कौन करेगा?
शाम चार बजे
पटाखा व्यवसायी सदर थाने पहुंचे और विरोध दर्ज कराया। सदर बाजार पटाखा एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में 500 व्यवसायियों को पटाखे के लाइसेंस मिले हैं। चार दिनों पहले हमें लाइसेंस मिले थे तो व्यापारियों ने लाखों का माल रख लिया। दो दिन ही इसे इसे बेच पाए और अब प्रतिबंध लग गया।
ऑनलाइन बिक्री पर सवाल
पटाखा व्यापारियों का कहना था कि प्रदूषण फैलने के और तमाम कारण हैं, जिन पर किसी का ध्यान नहीं जाता। पटाखा व्यापारी संगठन के सचिव हरजीत सिंह छाबड़ा ने कहा कि दिल्ली के भीतर हर रात एक लाख ट्रक प्रवेश करते हैं। उससे सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलता है। हम नुकसान सहकर पटाखे नहीं बेचेंगे लेकिन क्या दिल्ली में लोग ऑनलाइन पटाखे नहीं मंगाएंगे? यह दोहरा व्यवहार है।