नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने तटवर्ती क्षेत्र नियम अधिसूचना का कथित रूप से
उल्लंघन करके हुए अवैध निर्माण को ढहाने और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने संबंधी गोवा तटवर्ती क्षेत्र प्रबंधन
प्राधिकरण के आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने कहा कि पर्याप्त सामग्री के आधार पर
याचिका खारिज की गई है और जुर्माना तय करने में उचित प्रक्रिया का पालन किया गया है।
पीठ ने कहा, ‘‘हमने अपीलकर्ता के अधिवक्ता की दलीलें सुनी हैं। यह स्पष्ट है कि जिन ढांचाओं पर सवाल उठाया
गया है उनका निर्माण सीआरजेड अधिसूचना का उल्लंघन करके किया गया है। निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश
पर्याप्त सामग्री पर आधारित है और इसमें उचित प्रक्रिया का पालन किया गया है। इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है।
इसलिए, हमें निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नजर नहीं आता है।’’
बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ ने सभी पंचायतों/नगर निगमों को निर्देश दिया था कि वे ‘नो डेवेलॉपमेंट जोन’
में हुए निर्माण के संबंध में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपें।
इसके बाद, 10 जनवरी, 2015 को अवैध निर्माणों की एक सूची उच्च न्यायालय को सौंपी गयी जिसने समय-समय
पर इस संबंध में निर्देश जारी किए और उक्त इमारत भी उसी श्रेणी में आती है।