नई दिल्ली। लेखिका अरुंधति रॉय ने 2011 में भारतीय सेना को लेकर की गई
अपनी एक टिप्पणी के लिए माफी मांगी है। करीब 8 साल पुरानी उनकी एक टिप्पणी का विडियो
अचानक सोशल मीडिया पर तैरने लगा था और लोग उन पर निशाना साध रहे थे। अरुंधति रॉय ने द
प्रिंट को दिए अपने बयान में कहा, हम सभी जीवन में किसी वक्त गलती से कुछ ऐसा कह सकते हैं,
जो मूर्खतापूर्ण हो, गलत हो। यह चिंता की बात है। यदि मेरे बयान के किसी भी हिस्से से किसी भी तरह
का भ्रम हुआ हो तो मैं इसके लिए माफी मांगती हूं।
अरुंधति रॉय ने 2011 में विवादित टिप्पणी करते हुए कहा था, कश्मीर, मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड
जैसे राज्यों में हम जंग लड़ रहे हैं। 1947 से ही हम कश्मीर, तेलंगाना, गोवा, पंजाब, मणिपुर, नगालैंड
में लड़ रहे हैं। भारत एक ऐसा देश है, जिसने अपनी सेना अपने ही लोगों के खिलाफ तैनात की।
पाकिस्तान ने भी कभी इस तरह से सेना को अपने ही लोगों के खिलाफ नहीं लगाया। अरुंधति रॉय ने
कहा था कि पूर्वोत्तर में आदिवासी, कश्मीर में मुस्लिम, पंजाब में सिख और गोवा में ईसाइयों से भारतीय
राज्य लड़ रहा है। ऐसा लगता है, जैसे यह अपरकास्ट हिंदुओं का ही स्टेट हो।
अरुंधति रॉय की इस विवादित टिप्पणी को सोशल मीडिया पर बीते करीब दो दिनों से जमकर शेयर
किया जा रहा था और उनकी निंदा की जा रही थी। सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें 1971 में पाक सेना
द्वारा बांग्ला भाषियों के नरसंहार को याद दिला रहे थे। सोशल मीडिया पर लगातार खुद को घिरता हुए
देख अरुंधति रॉय ने माफी मांग ली। अरुंधति रॉय ने माफी मांगते हुए कहा है कि मेरे लेखन से यह पता
चलता है कि मैं पाकिस्तान के बारे में क्या विचार रखती हूं। यही नहीं उन्होंने अपने बयान में
बलूचिस्तान में नरसंहार और मौजूदा बांग्लादेश में पाकिस्तान के अत्याचारों का भी जिक्र किया है।
द प्रिंट को दिए हुए अपने बयान में अरुंधति रॉय ने कहा, कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के
बीच तनाव खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सोशल मीडिया पर 9 साल पुरानी एक विडियो क्लिप तैर
रही है। इसमें भारत सरकार के अपने ही देश में लोगों के खिलाफ जंग की बात करते हुए मैं यह कहते
हुए दिखती हूं कि पाकिस्तान ने भी इस तरह से सैनिकों को अपने ही लोगों के खिलाफ तैनात नहीं
किया।
अरुंधति रॉय ने कहा, हम सभी जीवन में किसी पल में गलती से मूर्खतापूर्ण टिप्पणी कर देते हैं। यह
छोटी सी विडियो मेरे पूरे विचार को नहीं बताती और इससे उसका पता नहीं चलता, जो मैंने सालों तक
लिखा है। मैं एक लेखिका हूं और मैं मानती हूं कि आप कहे हुए शब्द आपके विचारों से ज्यादा महत्वपूर्ण
होते हैं। यह बेहद चिंताजनक बात है और क्लिप के किसी भी हिस्से से पैदा हुए कन्फ्यूजन के लिए मैं
माफी मांगती हूं।