राकेश
फरीदाबाद। खाने की बजाय लोग सूखे राशन की अधिक मांग कर रहे हैं। जिला प्रशासन के
कंट्रोल रूम में सुबह से लेकर देर रात तक फोन घनघनाते रहते हैं। कई बार ऐसी कॉल फर्जी भी मिली हैं। ऐसे भी
मामले सामने आए हैं, जिनके पास राशन था, पर वे फोन कर राशन मांग रहे थे। अब प्रशासन का निर्णय है कि
पूरी जांच के बाद ही सूखा राशन दिया जाय। यदि इस दौरान किसी गैरजरूरतमंद ने राशन ले लिया, तो उसके
खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। सूखे राशन के लिए इंडोर स्टेडियम, सेक्टर-12 में सेंट्रल स्टोर बनाया गया है। यहां
खाद्य सामग्री रखी है। स्टोर के बाहर हुडा व नगर निगम कर्मचारी तैनात रहते हैं। मांग के अनुरूप राशन गाड़ियों
में लादकर तय जगह पर पहुंचाया जा रहा है।
खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक और जिला सूचना अधिकारी द्वारा नगर निगम के सभी 40 वार्डों में जरूरतमंदों की
सूची तैयार की है। इसी आधार पर सूखा राशन बांटा जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय में जाने वाली कॉल और
अन्य राज्यों से यहां आने वाली कॉल के आधार पर भी सूची बनती है। करीब चार हजार लोगों की सूची रोजाना
तैयार होती है। इसमें चार सदस्यों के लिए सप्ताहभर का राशन दिया जाता है।
लॉकडाउन में गड़बड़ी करने पर जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाना मुश्किल होगा। कई जांच के बाद ही जरूरतमंदों तक
राशन पहुंचाया जा रहा है। वार्ड में एक बार में केवल पांच लोगों को फोन कर एक स्थान पर बुलाया जाता है। 40
वार्ड अधिकारियों के अलावा नगर निगम से छह नोडल अधिकारी भी राशन वितरण के लिए नियुक्त हैं। कोशिश है
कि हर जरूरतमंद तक राशन पहुंचे।