गुरुग्राम। लोग ऊंचे ऊंचे भवन और घर बना लेते हैं। इंटीरियर पर जमकर खर्चा करते
हैं। गैजेट्स से लैस घरों में बस एख कमी छोड़ देते हैं वह है फायर फाइटिग सिस्टम या फिर बचाव के
उपाय। कम से कम जगह में अधिक से अधिक सामान रखने का कल्चर शहरों के घरों को न केवल
असुरक्षित बना रहा है बल्कि उनकी जान को खतरे में भी डाल रहा है। लोगों को इन चीजों को समझना
होगा। गर्मी के मौसम में एसी से लेकर अन्य कूलिग उपकरणों को लगा लिया जाता है लेकिन उनका
लोड सहने में सक्षम तारों और सॉकेट का प्रयोग नहीं किया जाता।
किसी वजह से अगर आग लग गई तो न तो कोई बचाव का रास्ता होता है और न ही लोग अपनी
बुद्धिमतता का प्रयोग कर पाते हैं। इन्हीं चीजों की जानकारी व जागरूकता देने के लिए दैनिक जागरण
ने सुरक्षा सप्ताह के तहत जागरूकता मुहिम चलाई है। इस मुहिम के तहत शहर में चल रहे कोचिग
संस्थानों में जाकर विशेषज्ञों से अग्नि सुरक्षा पर सेमिनार का आयोजन करवाया जा रहा है।
बृहस्पतिवार को ओल्ड डीएलएफ स्थित आकाश इंस्टीट्यूट में अग्नि सुरक्षा के तहत विद्यार्थियों व स्टाफ
को आग से सुरक्षा व बचाव के टिप्स दिए गए। इस दौरान सहायक अग्निशमन अधिकारी ललित कुमार
वर्मा ने समझाया कि अगर कुछ सावधानियां रखेंगे तो आग लगने जैसी घटनाएं होंगी ही नहीं। इसके
लिए आग लगने वाले अवयवों को पहचानना जरूरी है। उन्होंने बताया कि आग लगना एक रासायनिक
घटना है। ऐसे में हवा के साथ अन्य तत्वों की रासायनिक अभिक्रिया आग में तब्दील हो जाती है।
ललित कुमार वर्मा ने बताया कि आग कई प्रकार की होती है। एक तरह की सामान्य आग होती है जिसे
आसानी से पानी के जरिए बुझाया जा सकता है। लेकिन अगर आग तेल या फिर शॉर्ट सर्किट से लगी है
तो उसपर पानी डालना, आग को और भड़काना होगा। ऐसे में आग लगने की स्थिति में पहले आग के
कारण व प्रकार को पहचानना होगा और फिर तत्परता दिखाते हुए उसे उपयुक्त तरीके से बुझाना होगा।
तेल या बिजली के तारों से लगी आग को बुझाने के लिए रेत या फिर मल्टी परपज अग्निशमन उपकरण
का प्रयोग करना चाहिए।
ललित कुमार वर्मा ने बताया कि उपकरणों में भी अलग अलग तरीके से लगी आगे के हिसाब से अलग
अलग प्रकार होते हैं। ऐसे में ज्यादातर कारगर वही उपकरण हैं जो कि हर तरह की आग बुझा सकते हैं।
आग लगने की स्थिति में धीरज बिलकुल नहीं खोना चाहिए क्योंकि तत्परता और धीरज बड़े नुकसान को
बचा सकती है। इस अवस्था में अपने शरीर, कपड़ों व चेहरे को पानी से गीला कर लेना चाहिए। कहीं
आग लगी हो तो वहां से रेंगते हुए निकलना चाहिए।
ललित कुमार वर्मा ने बताया कि आग लगने से बचाने के सबसे पहले कारण, बिजली के तारों पर
अनावश्यक लोड को कम करें। आइएसआइ मार्क वाले तारों व उपकरणों का ही प्रयोग करें। विभिन्न
गैजेट्स को एक ही एक्सटेंशन में न लगाते जाएं। गर्मी के मौसम में एसी का खास ख्याल रखें। इसकी
समय समय पर सर्विसिग व रिपेयरिग करवाते रहें। बच्चों को इस तरह के उपकरणों के पास न जाने दें।
अधिकारी ने विद्यार्थियों से कहा कि वे ऐसे भवनों और मैरिज लॉन, जहां कि फायर फाइटिग व्यवस्था न
हो, के बारे में आपत्ति करें ताकि किसी बड़े हादसों से बचा जा सके।
ललित कुमार वर्मा ने कहा कि आग की रोकथाम ही सबसे बड़ी सुरक्षा है क्योंकि आग भड़कने में समय
नहीं लगाती। उसकी लपटों के साथ साथ धुआं भी उतना ही घातक साबित होता है। इस सत्र के दौरान
संस्थान के केंद्र निदेशक मनीष सहरावत ने कहा कि विद्यार्थियों के साथ साथ स्टाफ के लिए भी
जानकारियां काफी फायदेमंद साबित होंगी। दैनिक जागरण की यह जागरूकता मुहिम समाज के प्रति
जिम्मेदारियों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने भी अधिकारी से कई सवाल
किए।