नई दिल्ली। दिल्ली के बार्डर पर किसान संघर्ष की अगुवाई कर रहे 40 किसान
जत्थेबंदियों के संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों को धमकाने के खिलाफ उत्तराखंड सरकार को चेतावनी दी है
और कहा है कि किसानों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस बात की जानकारी देते हुए कमेटी के अध्यक्ष और शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनजिंदर सिंह
सिरसा ने बताया कि आज संयुक्त मोर्चा द्वारा मंजीत सिंह राय, कुलदीप सिंह वजीदपुर व गुरपाल सिंह ने
उत्तराखंड से आकर गाजीपुर में धरना दे रहे किसानों के साथ मुलाकात की और पुलिस द्वारा इनके खिलाफ
दर्ज किए मुकदमे की जानकारी हासिल की। उन्होंने बताया कि किसानों ने इस टीम के सदस्यों को बताया कि
उद्धम नगर की पुलिस ने बिल्कुल ही झूठा व मनगढ़ंत मुकदमा दर्ज कर दिया है जबकि किसान तो अपने
संवैधानिक अधिकार जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी मान्यता दी है के मुताबिक दिल्ली में किसान मोर्चा मे शामिल
होने के लिए आ रहे थे।
स. सिरसा ने बताया कि संयुक्त मोर्चा की मीटिंग में यह मसला प्राथमिकता के आधार पर विचार किया
जाएगा। उन्होंने बताया कि मोर्चे ने उत्तराखंड सरकार को चेतावनी दी है कि किसानों के घर पर छापे मारी तुरंत
बंद की जाए और अगर उत्तराखंड का कोई भी जिला प्रशासन किसानों के साथ अत्याचार करने की कोशिश
करेगा तो फिर उसे मुँह तोड़ जवाब दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इन सदस्यों ने भरोसा दिलाया कि मोर्चा हर हालत में इन किसानों के साथ खड़ा है और यह
दर्ज किए गए पर्चे बिल्कुल ही ना जायज़ हैं।
स. सिरसा ने बताया कि मोर्चे में शामिल होने वाले किसानों की 6 हज़ार एकड़ उपजाऊ ज़मीन को सही खातों
से जोड़ कर बेचने से रोक दिया गया है और कहा गया है कि जैसे ही किसान ऐलान करेंगे कि मोर्चे के साथ
उनका कोई संबंध नहीं तो ज़मीन इस खाते से निकाल दी जाएगी।
उन्होंने ऐलान किया कि अगर उत्तराखंड पुलिस ने पुनः गाज़ीपुर, कुंडली या अन्य मोर्चों पर किसानों को आने
से रोका तो उस पुलिस मुख्यालय का घेराव किया जाए और रोष प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने यह भी मांग की
कि पुलिस को किसानों के घरों में छापेमारी से रोका जाए।
उन्होंने यह भी बताया कि मोर्चे ने भी प्रदर्शन के अधिकार से सहमति प्रकट की है जबकि स्वंय भारत की
सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि किसानों को प्रदर्शन करने का पूरा अधिकार है।
इस मौके पर बाबा प्रताप सिंह जी, बाबा अनूप सिंह जी, कर्म सिंह पड्ढा व जसबीर सिंह विर्क सिख संगठन
वाले भी मौजूद थे।