अर्पित गुप्ता
गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध
दिवस पर जागरूकता हेतु ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने
कहा कि यह दिवस लोगों में चेतना फैलाता है, और साथ ही नशे के आदि लोगों के उपचार की दिशा में भी
महत्त्वपूर्ण कार्य करता है। इस अवसर पर मादक पदार्थों से मुकाबले के लिए विभिन्न देशों द्वारा उठाये गये कदमों
तथा इस मार्ग में उत्पन्न चुनौतियों और उनके निवारण का उल्लेख किया जाता है। 26 जून मादक पदार्थों से
मुकाबले का प्रतीक बन गया है। समाज सेवी डॉ. आरके आर्य ने कहा कि नशा व शराब सब बुराइयों की जननी है।
एक तरफ सरकार नशे के विरोध में जनजागरण अभियान चलाती है और दूसरी तरफ करोड़ो रूपये विज्ञापन पर
खर्च करती है। सरकार की दोगली नीतियों से युवा दिगभ्रमित हो रहा है। सरकार को चाहिए कि वह इन पदार्थों पर
यथाशीघ्र प्रतिबंध लगाए। प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने जानकारी दी कि नशीली वस्तुओं और पदार्थों के निवारण
हेतु संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 दिसम्बर,1987 को प्रस्ताव संख्या 42 व 112 पारित कर हर वर्ष 26 जून को
अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस मनाने का निर्णय लिया था। सौरभ गुप्ता ने गोष्ठी का संचालन करते हुए कहा कि
देश मे युवाओं को मुख्य रूप से इस प्रकार के मादक पदार्थों का आदि बनाने का षडयंत्र चलाया जा रहा है जिससे
हमारे देश की उन्नति में बाधा उत्पन्न हो सके।