
नाना बन गया हूं अब मैं खोंखों कर बोले बंदर मामा नाना ही कहना सब मुझको न कहना अब मुझको मामा नहीं चढ़ सकता अब वृक्षों पर दिन भर दुखी सा रहता हूं कोई ला दे खाना बिस्तर पर बस यही सोचता ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | May 16, 2018 | 5:21 pm IST
नाना बन गया हूं अब मैं खोंखों कर बोले बंदर मामा नाना ही कहना सब मुझको न कहना अब मुझको मामा नहीं चढ़ सकता अब वृक्षों पर दिन भर दुखी सा रहता हूं कोई ला दे खाना बिस्तर पर बस यही सोचता ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | May 16, 2018 | 5:21 pm IST
भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान डालने वाले युगदृष्टा रवींद्रनाथ टैगोर एक ही साथ महान साहित्यकार, दार्शनिक, संगीतज्ञ, चित्रकार, शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता और राष्ट्रवादी के साथ मानवतावादी भी थे जिन्होंने दो देशों के लिए राष्ट्रगान लिखा। प्रकृति के प्रति अत्यधिक लगाव रखने वाले रवींद्रनाथ संभवतः ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | May 8, 2018 | 4:38 pm IST
एक बार की बात है कि एक कुत्ते का पिल्ला अपने मालिक के घर के बाहर धूप में सोया पड़ा था। मालिक का घर जंगल के किनारे पर था। अतः वहां भेड़िया, गीदड़ और लकड़बग्घे जैसे चालाक जानवर आते रहते थे। यह बात उस नन्हे ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | May 5, 2018 | 4:26 pm IST
एक बार की बात है कि एक कुत्ते का पिल्ला अपने मालिक के घर के बाहर धूप में सोया पड़ा था। मालिक का घर जंगल के किनारे पर था। अतः वहां भेड़िया, गीदड़ और लकड़बग्घे जैसे चालाक जानवर आते रहते थे। यह बात उस नन्हे ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | May 4, 2018 | 5:06 pm IST
नई दिल्ली। विश्व इतिहास में तीन मई के नाम पर बहुत सी महत्वपूर्ण घटनाएं दर्ज हैं। इस दिन कहीं गृहयुद्ध समाप्त हुआ तो कहीं शांति समझौते पर दस्तख्त किए गए। भारत में सिनेमा जगत के इतिहास में 3 मई का दिन यादगार रहा क्योंकि इसी ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | May 3, 2018 | 5:17 pm IST
मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है। इस महामारी के कारण न जाने कितने लोग काल के गाल में समा गए। 25 अप्रैल को मलेरिया के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। तो आइए मलेरिया बुखार के कारण और उसकी रोकथाम के ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | April 27, 2018 | 5:06 pm IST
दोस्तों, यह तो आपने बहुत बार देखा होगा कि आपको यदि काफी देर तक पानी में काम करना पड़े तो आपके हाथ व पैरों की अंगुलियों में सिलवटें पड़ जाती हैं। ये सिलवटें ऐसी दिखती हैं जैसे कि स्किन बूढ़ी हो गई हो और उस ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | April 21, 2018 | 12:52 pm IST
एक बार की बात है कि एक अदमी गुब्बारे बेचकर अपना घर चलाता था। वह अपने नगर के आस-पास जाकर गुब्बारे बेचता था। बच्चों को लुभाने के लिए वह तरह-तरह और कई रंगों के गुब्बारे रखता था। लाल, पीले, हरे, नीले। और जब कभी उसे ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | April 3, 2018 | 5:17 pm IST
हिमाचल प्रदेश के लेखक संतोष उत्सुक की बाल कविता 'पानी बचाएं' में पानी को बचाना कितना जरूरी है यह दर्शाया गया है। गरमी का मौसम है आया आओ सब थोड़ा पानी बचाएं नहाना बहुत ज़रूरी है मगर बाल्टी छोटी रखें बड़ी हटाएं ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 28, 2018 | 5:04 pm IST
जल की उपलब्धता को लेकर वर्तमान में भारत ही नहीं अपितु समूचा विश्व चिन्तित है। जल ही जीवन है। जल के बिना सृष्टि की कल्पना नहीं की जा सकती। मानव का अस्तित्व जल पर निर्भर करता है। पृथ्वी पर कुल जल का अढ़ाई प्रतिशत भाग ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 23, 2018 | 12:45 pm IST