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लावण्या गुप्ता अक्षय चौथी कक्षा में पढ़ता था। पढ़ाई में अच्छा था, पर शरारतें भी ख़ूब करता था। अपनी शरारतों से वह बाज़ नहीं आता था, चाहे जितना भी समझा लो। किसी-न-किसी शरारत की योजना उसके दिमाग़ में हमेशा कुलबुलाती ही रहती। न जाने कैसे ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | November 19, 2020 | 4:35 pm IST