
-डा. रवीन्द्र अरजरिया- तृतीय विश्व युध्द के दरवाजे पर दस्तक हो चुकी है। विशेष सम्प्रदाय का राज्य, वर्चस्व की स्थापना और सीमाओं के विस्तार को लेकर जंग का माहौल बन चुका है। आतंकी गिरोहों को तैयार करके सम्प्रदायिकता का परचम फहराने वाले राष्ट्रों अपने मंसूबे ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | September 29, 2024 | 3:56 pm IST