
-शैलेन्द्र चौहान- ‘कश्मीर’ घाटी में पहले पत्थरबाजों कोई खास जमात नहीं थी। वे किसी खास राजनैतिक धारा से भी जुड़े नहीं थे। वे ‘शेर’ हो सकते थे या ‘बकरा’, यानी शेख अब्दुल्ला के हिमायती या मीरवाइज मौलवी यूसुफ शाह के। उनकी कोई खास पहचान नहीं ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | April 13, 2017 | 5:32 pm IST