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सम्पादकीय / लेख

क्यों क्रूर बदमाशी का रूप ले रही है रैगिंग?

-प्रियंका सौरभ भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में कई वर्षों से, रैगिंग एक गंभीर प्रकार की बदमाशी और उत्पीड़न की समस्या रही है, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर मनोवैज्ञानिक आघात, आत्महत्या और यहाँ तक कि हत्या जैसे हिंसक अपराध भी होते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और 2009 ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | February 28, 2025 | 5:15 pm IST

साफ होनी चाहिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर दिमागी गंदगी?

-प्रियंका सौरभ कुछ लोग ह्यूमर के नाम पर समाज में गंदगी फैला रहे हैं। ऐसा कंटेट प्रसारित कर रहे हैं जो चिंता का विषय है। विवाद बढ़ने के बाद ये अश्लील इंफ्लूएंसर अपनी करतूत पर माफी मांग लेते हैं। लेकिन सवाल ये है कि क्या ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | February 22, 2025 | 4:50 pm IST

कुटुम्ब में कुम्भ

डॉ. सुनील चौरसिया 'सावन' जिस घर में सुख, शांति और सुकून है वह घर मंदिर है। जब अपनत्व और ममत्व के भाव से एक लोटा अमृत प्राप्त होता है तब उससे सिर्फ प्यास नहीं बुझती है अपितु तन-मन की थकान भी दूर हो जाती है ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | February 19, 2025 | 5:03 pm IST

माता शबरी तपस्या कर हुई व्यक्त..

संजय एम तराणेकर आदिवासी समाज की आराध्य माता भक्त, शिरोमणि माँ शबरी तपस्या कर हुई व्यक्त। भीलनी परम तपस्विनी का एक ही ध्येय, अछूत कहते ऋषि-मुनि दूरी रखते जाय। ऋषि मतंग ये कह गए आएंगे प्रभु श्रीराम, तुम्हें संसार से मुक्त कर लगाएंगे विराम। आदिवासी ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | February 19, 2025 | 4:59 pm IST

सामाजिक ताना-बाना बिखेर रहे नंगापन और रील्स के परिवेश

डॉo सत्यवान सौरभ पूरा देश नग्नता के लिए फ़िल्मों को दोष देता है परंतु आज सोशल मीडिया (सामाजिक पटल) पर इतनी भयंकर नग्नता है कि हमारी जो भारतीय फ़िल्में को भी शर्म आ जाए। आज कोई भी सोशल प्लेटफार्म अछूता नहीं है फूहड़पन और नग्नता ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | February 19, 2025 | 4:57 pm IST

स्वस्थ लोकतंत्र के लिए एक मज़बूत और रचनात्मक विपक्ष आवश्यक है

-प्रियंका सौरभ लोकतंत्र को मज़बूत बनाने के लिए सरकार और विपक्ष को मिलकर रचनात्मक रूप से काम करना होगा। लेकिन भारत में संसदीय बहसों में बढ़ते ध्रुवीकरण, बार-बार व्यवधान तथा गहन चर्चाओं पर बयानबाजी के प्रभुत्व के कारण विधायी विचार-विमर्श की गुणवत्ता और भी खराब ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | February 19, 2025 | 4:56 pm IST

उम्मीद और संघर्ष से जुड़े हैं गांव

निर्मला टाक लूणकरणसर, राजस्थान जब भी विकास की बात आती है तो अक्सर गांव को इसमें पीछे समझा जाता है. यह कल्पना कर ली जाती है कि गांव में विकास की कमी होगी. आर्थिक रूप से पिछड़ा होगा. यह सही है कि शहरों की तुलना ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | February 19, 2025 | 4:54 pm IST

त्यौहार-संस्कृति एवं जीवन-संस्कारों को धुंधलाने का दौर

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-ललित गर्ग- पाश्चात्य अंधानुकरण के कारण हमने न केवल भारतीय त्यौहारों के रंगों को धुंधला दिया है, बल्कि वैलेनटाइन डे जैसे पर्वों को महिमामंडित कर दिया है। भारत के प्रत्येक भू-भाग के अपने त्यौहार हैं, कुछ समान हैं तो कुछ उस भू-भाग की विशिष्टता लिए। ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | February 15, 2025 | 3:58 pm IST

धर्म का धंधा सबसे चोखा धंधा

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-राकेश अचल- यदि आप निवेश करने की सोच रहे हैं तो एसआईपी, एफडी, शेयर बाजार के फेर में न पड़े। निवेश के लिए कलियुग में धर्म का क्षेत्र सबसे ज्यादा सुरक्षित है। मुमकिन है कि आपको मेरी बात पर यकीन न आये, या आप मेरी ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | February 15, 2025 | 3:57 pm IST

वक्फ पर सियासी बवाल

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भारत एक लोकतांत्रिक और संवैधानिक राष्ट्र है। कानून का राज है, तटस्थ और विवेकी न्यायपालिका है। इस देश में वक्फ बोर्ड भी है। वह जिस इमारत, जमीन, गांव और सैकड़ों साल पुराने मंदिर और मठ की तरफ अपनी उंगली उठाता है, तो वह उसकी संपत्ति ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | February 15, 2025 | 3:57 pm IST