
संजय एम तराणेकर हे नारी योगदान तुम्हारा स्वप्रमाणित, दायित्वों का निर्वाह करती द्विगुणित। हर कोई ये मानता ‘महिला का हाथ‘, माँ, पत्नी, बहन-बेटी जब देती साथ। हरेक परिवार का आधार होती महिला, सौम्य-शालीन परिपोषिका होती कला। हे नारी योगदान तुम्हारा स्वप्रमाणित, दायित्वों का निर्वाह करती ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 7, 2025 | 5:36 pm IST