
-अरविंद सरदाना-आजकल यह धारणा बनती जा रही है कि सरकारी बैंकों का सुधार निजीकरण से ही हो सकता है।अगस्त 2022 के रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बुलेटिन में प्रकाशित एक शोधपत्र ने चेताया है कि हमेंसोच-समझकर कदम रखना चाहिए। इस पर आज खुले दिमाग से विचार ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | November 29, 2022 | 4:52 pm IST