गुरुग्राम। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि सरकार स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए हमेशा एक मददगार या सुविधाप्रदाता के रूप में कार्य करेगी, नियामक के रूप में नहीं। उन्होंने कहा कि इस पारिस्थितिकी तंत्र के हितधारक स्व-नियमन करेंगे। यहां मंगलवार को स्टार्टअप20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि यहां से संदेश जाना चाहिए कि इसमें भाग लेने वाले सभी 22 देशों की संयुक्त प्रतिबद्धता यह है कि सरकारें स्टार्टअप द्वारा किए जा रहे काम की प्रगति में बाधा नहीं डालेंगी। उन्होंने कहा कि सबसे अच्छा तरीका स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र से बाहर होना है। उन्होंने कहा कि सरकार पारिस्थितिकी तंत्र के नियमन या उसे निर्देशित करने का काम नहीं करेगी।
मंत्री ने कहा, ‘‘हमारी भूमिका हमेशा एक सुविधाप्रदाता की रहेगी और मैं सरकार को इस क्षेत्र का प्रशासक या नियामक बनते नहीं देखता।’’ उन्होंने कहा कि सरकार का काम उभरते उद्यमियों को शुरुआती प्रोत्साहन या शुरुआती वित्तपोषण देना है। गोयल ने कहा कि भारत स्टार्टअप की दुनिया को एक विशिष्ट अवसर प्रदान करता है। ‘‘भारत के पास कुशल प्रतिभा, सामर्थ्य, बढ़ती स्टार्टअप संस्कृति और आकांक्षी आबादी का लाभ है।’’ उन्होंने दुनियाभर की स्टार्टअप कंपनियों को भारत आने और यहां अवसर तलाशने के लिए आमंत्रित किया।