नई दिल्ली। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से बेंचमार्क रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। दास ने कहा कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने से स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (एसडीएफ रेट) 6.25 फीसदी और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी और बैंक रेट 6.75 फीसदी पर कायम है।आरबीआई ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति मार्च-अप्रैल 2023 में कम हो गई थी, जो पिछले वित्त वर्ष में 6.7 प्रतिशत थी। हालांकि, हेडलाइन मुद्रास्फीति उच्च बनी हुई है और चालू वित्त वर्ष के लिए 5.1 प्रतिशत अनुमानित है। आरबीआई गवर्नर ने कहा, हमारे आकलन के अनुसार, 2023-24 के दौरान मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत से ऊपर रहेगी। उन्होंने कहा, “एमपीसी ने भी छह में से पांच सदस्यों के बहुमत से निर्णय लिया कि यह सुनिश्चित करने के लिए समायोजन की वापसी पर ध्यान केंद्रित किया जाए कि मुद्रास्फीति उत्तरोत्तर विकास का समर्थन करते हुए लक्ष्य के साथ संरेखित हो। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र मजबूत तथा जुझारू बना हुआ है। मौद्रिक नीति समिति ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा। मौद्रिक नीति समिति उदार नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
गवर्नर दास वने आगे कहा कि मु्द्रास्फीति की स्थिति पर लगातार और नजदीकी नजर रखना अत्यंत जरूरी। मुख्य मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर। इसके पूरे साल के दौरान लक्ष्य से ऊपर रहने का अनुमान। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि दर के 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
आरबीआई को उम्मीद है कि जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आठ प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में छह प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.7 प्रतिशत रहेगी। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.2 प्रतिशत से घटाकर 5.1 प्रतिशत किया। घरेलू मांग की स्थिति वृद्धि के लिए सहायक बनी हुई है, ग्रामीण मांग बेहतर हो रही हैआरबीआई गवर्नर ने कहा कि चालू खाते का घाटा चौथी तिमाही में और नीचे आएगा। भारतीय रुपया इस साल जनवरी से स्थिर है।