निमेश चंदन चीफ इन्‍वेस्‍टमेंट ऑफिसर बजाज फिनसर्व एसेट मैनेजमेंट

asiakhabar.com | October 6, 2023 | 5:52 pm IST
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नई दिल्ली। हाल के कुछ हफ्तों में मजबूत मैक्रो इकोनॉमिक डाटा और फेड की टिप्पणी के आधार पर, बाजार इस फैक्‍ट के साथ सामने आया है कि अमेरिका में उच्च ब्‍याज दरें पहले के अनुमान से अधिक समय तक बनी रह सकती हैं. इसकी वजह से रेट हाइक साइकिल पीक पर होने के बाद भी मंदी की असामान्य चाल रेट कर्व में बढ़ती जा रही है. लंबी अवधि के यूएस रीयल यील्‍ड में इस तेज बढ़ोतरी ने गंभीर उलटफेर से कुछ अवधि के प्रीमियम को नॉर्मल कर दिया है. मजबूत यूएस डॉलर, कच्चे तेल की कीमत के लेवल और बैंक ऑफ जापान के यील्‍ड कर्व कंट्रोल के साथ ईएम यील्‍ड के लिए प्रतिकूल परिस्थितियां भी कुछ हद तक बढ़ गई हैं. अनुमान के मुताबिक मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी द्वारा सर्वसम्मति से ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. भारत में बेहतर मैक्रो इकोनॉमिक स्थिरता दिखाई है. आर्थिक विकास मजबूत बना हुआ है. कोर इनफ्लेशन में नरमी आई है लेकिन फूड इनफ्लेशन का हेडलाइन इनफ्लेशन पर असर पड़ा है. हमारा मानना है कि यह एक शॉर्ट टर्म इश्‍यू हो सकता है. हालांकि, मॉनिटर करना एक महत्वपूर्ण जोखिम है. आरबीआई गवर्नर ने संकेत दिया कि वे सिस्टम में लिक्विडिटी पर कड़ी नजर रख रहे हैं. आरबीआई किसी भी अधिकता को बैलेंस करने के लिए आवश्यकता पड़ने पर ओएमओ आयोजित करने की संभावना रखता है. जबकि ग्‍लोबल बाजारों में यील्‍ड तेजी से बढ़ी है, भारतीय दरों और करंसी में ऊपर बताए गए कुछ कारणों से कुछ बढ़ोतरी देखी गई है.


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