नई दिल्ली। कार्यालय, आवासीय और भंडारण परिसंपत्तियों में धन का प्रवाह कम होने के कारण जनवरी-मार्च में रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश सालाना आधार पर 40 प्रतिशत घटकर 99.51 करोड़ अमेरिकी डॉलर रह गया।
कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एक साल पहले की अवधि में संस्थागत निवेश 165.83 करोड़ अमेरिकी डॉलर था।
रियल एस्टेट सलाहकार ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि विदेशी कोषों ने 55 प्रतिशत, जबकि घरेलू निवेशकों ने 45 प्रतिशत का योगदान दिया।
आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी-मार्च में कार्यालय में संस्थागत निवेश 38 प्रतिशत गिरकर 56.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर रहा जो पिछले साल 90.76 करोड़ अमेरिकी डॉलर था।
आवासीय क्षेत्र में निवेश में 72 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। यह 36.11 करोड़ अमेरिकी डॉलर से घटकर 10.26 करोड़ अमेरिकी डॉलर हो गया।
औद्योगिक व भंडारण संपत्तियों में धन का प्रवाह 21.63 करोड़ अमेरिकी डॉलर से 18 प्रतिशत घटकर 17.77 करोड़ अमेरिकी डॉलर हो गया।
कोलियर्स इंडिया में कैपिटल मार्केट्स एंड इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के प्रबंध निदेशक पीयूष गुप्ता ने कहा कि भारतीय रियल एस्टेट में घरेलू निवेशक तेजी से अपनी पकड़ बना रहे हैं। घरेलू संस्थागत निवेश में, कार्यालय और आवासीय परिसंपत्तियों का हिस्सा करीब 66 प्रतिशत है, जो भारत के वृद्धि रुझानों के साथ तालमेल बैठाने के रणनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाता है… ”
कोलियर्स इंडिया के वरिष्ठ निदेशक एवं अनुसंधान प्रमुख ने कहा कि 2024 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में विदेशी प्रवाह में एशिया प्रशांत क्षेत्र का योगदान 82 प्रतिशत से अधिक रहा।