दिल्ली- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा है। यह लगातार नौवीं बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इस निर्णय का उद्देश्य अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनाए रखना और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह कदम अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और भविष्य की वृद्धि की दिशा को प्रभावित कर सकता है।वहीं, रियल एस्टेट डेवलपर्स का कहना है कि इस स्थिरता से ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं होगा, जिससे निर्माण और खरीदारी की लागत पर स्थिरता बनी रहेगी। डेवलपर्स का कहना है कि यह निर्णय वर्तमान में चल रही आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए विवेकपूर्ण है और इससे रियल एस्टेट सेक्टर में सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, विशेषकर आवासीय परियोजनाओं और निवेशकों के लिए।
प्रदीप अग्रवाल, संस्थापक और अध्यक्ष, सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड का कहना है, “आरबीआई का ब्याज दरें स्थिर रखने का फैसला मुद्रास्फीति को काबू में रखने के उसके उद्देश्य के अनुरूप है। अभी ब्याज दरें स्थिर रखने से, आरबीआई का मकसद मुद्रास्फीति को उसकी सीमा में रखना है। हालांकि, अगर मानसून अच्छा रहा, तो आने वाले समय में आरबीआई ब्याज दरें घटा सकता है। इससे रियल एस्टेट की बिक्री बढ़ सकती है और घर खरीदारों के लिए अच्छा मौका हो सकता है। आरबीआई की यह नीति आर्थिक स्थिरता को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जिससे घर खरीदारों की भावना और रियल एस्टेट बाजार पर सकारात्मक असर पड़ेगा। यह न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि आवास बाजार में विश्वास भी बढ़ाएगा।”
लैंडमार्क ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन संदीप छिल्लर का कहना है, “रियल एस्टेट एक ऐसा क्षेत्र है जो दरों पर निर्भर करता है और लगातार नौवीं बार 6.50% पर रेपो रेट बनाए रखना रियल्टी बाजार में सकारात्मक भावना को बढ़ावा देता है। आवास की मांग बहुत ज्यादा है, इसलिए स्थिर लोन दरों से खरीदारों और डेवलपर्स दोनों को ज्यादा विश्वास मिलेगा, जिससे बाजार में वृद्धि और स्थिरता की उम्मीद है। ब्याज दरों में इस स्थिरता से संभावित घर खरीदारों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।“
कुशाग्र अंसल, डायरेक्टर अंसल हाउसिंग का कहना है, “आरबीआई द्वारा नौवीं बार मौजूदा रेपो रेट को बरकरार रखने का फैसला मार्किट के लिए एक स्वागत योग्य खबर है। जीडीपी के आंकड़ों में सुधार की उम्मीद है और रियल एस्टेट सेक्टर का जीडीपी में योगदान बढ़ रहा है, आरबीआई का यह कदम निस्संदेह रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देगा।“
संजीव अरोड़ा , डायरेक्टर 360 रियलटर का कहना है, “जून के महीने में इन्फ्लेशन में 5.1% की वृद्धि के बाद रेपो दर को अपरिवर्तित रखना अपेक्षित था। ग्लोबल मार्किट में अनिश्चितताओं और माल ढुलाई की कीमतों में उछाल के साथ इन्फ्लेशन में वृद्धि सरकार को अर्थव्यवस्था पर अधिक आक्रामक रुख अपनाने से रोकेगी। लिक्विडिटी के प्रवाह के बजाय, स्टेबल प्राइस पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। अच्छी बात यह है कि ईएमआई अपरिवर्तित रहेगी और रियल्टी डिमांड जल्द ही कम होने वाली नहीं है। जॉब मार्किट , स्वस्थ आर्थिक गति और व्यापक समग्र मांग देश में आवास और वाणिज्यिक अचल संपत्ति दोनों को सकारात्मक दिशा में ले जाना जारी रखेगी।“