नेपाल सरकार घरेलू मांग को पूरा करने के लिए विजयादशमी और दीपावली सहित आगामी त्योहारों से पहले भारत से 20,000 मीट्रिक टन (एमटी) चीनी आयात करेगा। उद्योग, वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए 60,000 मीट्रिक टन चीनी आयात करने के लिए सीमा शुल्क छूट देने का आग्रह किया था, लेकिन वित्त मंत्रालय ने फिलहाल केवल 20,000 मीट्रिक टन चीनी आयात करने की अनुमति ही दी है।वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता धनीराम शर्मा के मुताबिक मंत्रालय ने सीमा शुल्क पर 50 प्रतिशत की छूट दी है, यानी यह पहले लगाए गए 30 प्रतिशत सीमा शुल्क से 15 प्रतिशत कम। शर्मा ने कहा कि दो कंपनियां साल्ट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (एसटीसी) और फूड मैनेजमेंट एंड ट्रेडिंग कंपनी दोनों आगामी त्योहारी सीजन के लिए 10-10 हजार मीट्रिक टन चीनी का आयात करेंगी।
हालांकि, एसटीसी के संभागीय प्रबंधक ब्रजेश झा ने कहा कि सरकार से 50,000 मीट्रिक टन चीनी आयात करने की अनुमति मांगी गई है। झा ने बताया कि नेपाल की चीनी की घरेलू मांग 3,00,000 मीट्रिक टन है और उसे मुख्य रूप से भारत से भारी मात्रा में चीनी आयात करने की आवश्यकता है। नेपाल में 12 चीनी कारखाने हैं जो करीब 1,00,000 मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक नेपाल कम से कम 70 प्रतिशत चीनी भारत से आयात करता है।
इसके अलावा, हजारों टन चीनी बिना सीमा शुल्क चुकाए अवैध माध्यम से लाई जाती है। काठमांडू में काले बाजार में चीनी उपलब्ध है, जिसकी कीमत 100 से 125 नेपाली रुपये प्रति किलोग्राम तक हैं, जबकि भारत में इसकी कीमत करीब 40-50 रुपये प्रति किलोग्राम है।