अग्रिम हाउसिंग फाइनेंस और वास्तु हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन ने अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए बनाया को-लेंडिंग अलायंस

asiakhabar.com | August 30, 2023 | 6:04 pm IST
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मुंबई: अग्रिम हाउसिंग फाइनेंस और वास्तु हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन ने अफोर्डेबल हाउसिंग फाइनेंस के लिए कर्ज की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक को-लेंडिंग पार्टनरशिप की है. यह गठजोड़ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के उस को-लेंडिंग मॉडल के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य समाज के वंचित लोगों को बिना किसी रुकावट के कर्ज तक पहुंच मुहैया कराना है.
हाउसिंग फाइनेंस क्षेत्र की एक प्रमुख कंपनी अग्रिम हाउसिंग फाइनेंस को-लेंडिंग फ्रेमवर्क के तहत वास्तु हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन के साथ मिलकर एक ऐसा तरीका अपनाएगी, जो दोनों गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और बैंकों की मजबूतियों को एक साथ लाएगा. यह तरीका सुनिश्चित करता है कि अफोर्डेबल हाउसिंग को फलने-फूलने के लिए जरूरी वित्तीय मदद मिले.
अग्रिम हाउसिंग फाइनेंस के सीईओ एवं को-फाउंडर डॉ. मॅल्कम अथाईड ने इस समझौते को लेकर कहा, “हम इस प्रयास में वास्तु हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन के साथ साझेदारी कर उत्साहित हैं. यह को-लेंडिंग समझौता हमें अपनी पहुंच बढ़ाने और पात्र व्यक्तियों व परिवारों के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग फाइनेंस को आसानी से उपलब्ध बनाने में सक्षम बनाएगा. हमारा लक्ष्य एक साथ मिलकर ‘सभी के लिए आवास’ मिशन को पूरा करने में योगदान देना है.”
वास्तु हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन भारत के 14 राज्यों में 200 से अधिक अर्ध-शहरी और ग्रामीण बाजारों में मजबूत उपस्थिति रखती है. वास्तु हाउसिंग फाइनेंस के फाउंडर, एमडी एवं सीईओ संदीप मेनन ने कहा, “यह समझौता पूरे देश में अफोर्डेबल हाउसिंग की मुहिम को आगे बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है. हमारी क्षमताओं का इस्तेमाल करने से वित्तीय समावेश को आगे बढ़ाते हुए हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर में सकारात्मक बदलाव लाने का रास्ता तैयार होता है. हम इस यात्रा को लेकर तैयार हैं.”
अग्रिम हाउसिंग फाइनेंस और वास्तु हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन के बीच को-लेंडिंग समझौता प्रतिस्पर्धी ब्याज दर और पुनर्भुगतान के लचीले विकल्प ऑफर कर हाउसिंग फाइनेंस इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए तैयार है. यह समझौता न केवल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगा बल्कि वितरण नेटवर्क को भी मजबूत करेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि साझेदारी से समाज के ज्यादा से ज्यादा हिस्से तक लाभ पहुंचे.


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