आकाश वर्मा
नई दिल्ली। द्वारका सब-डिवीजन कार्यालय में तैनात सिविल डिफेंस वॉलेंटियर अरुण कुमार
(48) की कोरोना संक्रमण से हुई मौत के बाद उनके स्वजन को एक करोड़ रुपये की सहायता देने शनिवार को
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उनके घर राजापुरी पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री ने अरुण की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर
उन्हें श्रद्धांजलि दी। यहां उन्होंने अरुण के पिता देवराज सिंह, पत्नी इंदु सिंह, बेटी अंजलि व बेटे सुजल से
मुलाकात की और उनके दर्द को साझा किया। मुख्यमंत्री ने अरुण को मेहनती और काम के प्रति ईमानदार शख्स
बताते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने पूरी जिम्मेदारी के साथ अपनी ड्यूटी का निर्वहन किया था।
उन्हें हम सभी नमन करते हैं। मुख्यमंत्री ने यहां सभी को आश्वासन दिया कि अरूण की मृत्यु के बाद बच्चों की
पढ़ाई बिल्कुल प्रभावित नहीं होगी और कहा कि अंजलि की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्हें सरकारी नौकरी उपलब्ध
कराई जाएगी। अंजलि ने इसी वर्ष 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की है। मुख्यमंत्री ने इंदु सिंह को 60 लाख रुपये का और
पिता देवराज सिंह को 40 लाख रुपये का चेक सौंपा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सभी
सिविल डिफेंस वॉलेंटियर ने बेहतरीन काम किया है। इस दौरान परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, क्षेत्रीय विधायक
भावना गौड़, द्वारका विधानसभा क्षेत्र के विधायक विनय मिश्रा, दक्षिणी-पश्चिमी जिला उपायुक्त राहुल सिंह,
द्वारका सब-डिवीजन के एसडीएम चंद्र शेखर, जिले में आपदा प्रबंधन विभाग के परियोजना अधिकारी विनोद
भारद्वाज व सीतापुरी वार्ड के पार्षद प्रवीन कुमार मौजूद थे। ज्ञात हो 13 जुलाई को द्वारका सेक्टर-18 स्थित
वेंकटेश्वर अस्पताल में अरूण ने अंतिम सांस ली थी। वर्ष 2014 से वे दक्षिणी-पश्चिमी जिले में बतौर सिविल
डिफेंस वॉलेंटियर के तौर पर कार्यरत थे। दो जुलाई को उनकी कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। जिला
प्रशासन के समस्त कर्मचारी मिलकर भी परिवार के लिए सहायता राशि एकत्रित कर रहे हैं, जिसे वे 27 जुलाई को
अरुण की तेरहवीं के दिन स्वजन को सौंपेंगे। प्रशासन ने इंदु सिंह के समक्ष सिविल डिफेंस वॉलेंटियर बनने का
प्रस्ताव रखा था,लेकिन उन्होंने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि वह घर में रहकर बच्चों की देखभाल करेंगी।