कई बार बहुत लंबा अर्सा हो जाता है जब ऐसी दिल को छू लेने वाली फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर दस्तक देती है। एक ऐसी फ़िल्म जो ना सिर्फ आपके दिल को छू जाती है, बल्कि आपकी ज़िंदगी का हिस्सा भी बन जाती है। ऐसी ही एक फ़िल्म इस हफ्ते आपके सामने आई है और वो है-‘सीक्रेट सुपरस्टार’।
ये फ़िल्म आपको हंसाती है, रुलाती है और आपके सपनों को हक़ीक़त में बदलने का एक भरोसा जगाती है। निर्देशक अद्वैत चंदन अपनी डेब्यू फ़िल्म में ही वह परचम लहराने में सफल रहे हैं, जो एक मंझा हुआ फ़िल्ममेकर ही कर सकता है!
वड़ोदरा में रहने वाला 1 निम्न मध्यम वर्गीय मुस्लिम परिवार है। जिसमें पिता एक अति गुस्सैल हिंसक प्रवृत्ति का इंजीनियर जबकि मां एक हाउसवाइफ है। एक ऐसी मां जो अपने पति द्वारा मारपीट को अपने जीवन का एक हिस्सा स्वीकार कर चुकी है। इनकी एक प्यारी सी बेटी है इंसिया। इंसिया का एक छोटा भाई भी है। बहरहाल, इंसिया को बचपन से संगीत का और गाने का शौक है। वह जब गाती है तो उसकी आत्मा उसके गाने में साफ नज़र आती है। लेकिन, उसके पिता उसके संगीत के खिलाफ हैं। ऐसे में किस तरह इंसिया अपने संगीत को छुपाकर दुनिया के सामने लाती है और किस तरह से उसके सपने पूरे होते हैं, इसी केंद्रीय विचार के इर्द-गिर्द अद्वैत ने अपनी कहानी को खूबसूरती से बुना है।
वैसे तो पूरी फ़िल्म ही लाजवाब है मगर कुछ दृश्य उससे भी कई आगे निकल जाते हैं। जैसे- जब पहली बार इंसिया अपना पासवर्ड चिंतन को बताती है तो उस दृश्य में न सिर्फ निर्देशक की पकड़ दिखती है बल्कि दोनों ही अभिनेताओं की इंतेहा भी दिखती है। एक दूसरे दृश्य में इंसिया के पिता उसकी मां को मार रहे होते हैं और उसका छोटा भाई उस से डरा हुआ लिपटा हुआ है, उस दृश्य में दर्शकों की आत्मा कांप जाती है।
अभिनय की अगर बात की जाए तो आमिर ख़ान ज़ाहिर तौर पर अपने अलग ही अंदाज से दर्शकों को हंसाते भी है, लुभाते भी हैं। इंसिया के किरदार में ज़ायरा वसीम पूरी तरह से छा जाती हैं। मां के किरदार में मेहर विज़ और पिता बने राज अर्जुन ही नहीं चिंतन की भूमिका में तीर्थ शर्मा ने भी कमाल का अभिनय किया है। कुल मिलाकर मां-बेटी के इस भावनाओं के तूफान से आप बच नहीं सकते!
निर्देशक अद्वैत चंदन ने वाकई शानदार सिनेमा गढ़ा है। मां-बेटी के भावनात्मक संबंधों के लिए, सपने देखने वाले हर उस दिल के लिए जो किसी बंधन में नही बंधता..यह फ़िल्म ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ ज़रूर देखी जानी चाहिए।