मुंबई। नितेश तिवारी के निर्देशन में बनी वरुण धवन और जान्हवी कपूर की फिल्म ‘बवाल’ को ओटीटी प्लेटफॉर्म से हटाने की मांग तेज होती जा रही है। 21 जुलाई को अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ हुई फिल्म में पति-पत्नी की आम प्रेम कहानी को इस तरह पेश किया गया है कि निर्देशक ने द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत भी बता दी है।
यहूदी मानवाधिकार संगठन ने फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म से हटाने की मांग की है। इसके साथ ही नितेश तिवारी पर उस युद्ध में मारे गए यहूदियों का अपमान करने का भी आरोप लगाया गया है। दरअसल, फिल्म में आधुनिक रिश्तों और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एडॉल्फ हिटलर के अत्याचारों के बीच तुलना किये जाने से यह मांग तेज होती दिख रही है।
फिल्म में एक सीन है, जहां वरुण (अजय) और जान्हवी (निशा) विदेश यात्रा पर निकलते हैं। वे उस स्थान पर पहुंचते हैं, जहां द्वितीय विश्व युद्ध लड़ा गया था। एक सीन में जान्हवी पूछती हैं, “हम सब कुछ-कुछ हिटलर जैसे हैं, है ना?” फिर वह कहती है, “हर रिश्ता अपने ऑशविट्ज़ से गुज़रता है।” फिल्म में गैस चैंबरों की क्रूरता का चित्रण दोनों के बीच संबंधों को बदलने के लिए किया गया है, जिस पर यहूदी मानवाधिकार संगठनों ने आपत्ति जताई है।
साइमन विसेन्थल सेंटर के एसोसिएट डीन और ग्लोबल सोशल एक्शन के निदेशक रब्बी अब्राहम कूपर ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्म के प्रसारण पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म के जरिए निर्देशक ने हिटलर के शासन के दौरान मारे गए 60 लाख यहूदियों और लाखों अन्य लोगों की यादों का अपमान किया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निर्देशक काल्पनिक कहानी में हिटलर और द्वितीय विश्व युद्ध के संदर्भ जोड़कर प्रसिद्धि चाहते थे।