संजय लीला भंसाली की ‘पद्मावत‘ कल शाम यानी 25 जनवरी से साकार होने जा रहा है। दो साल में ‘पद्मावती’ से ‘पद्मावत’ हो गई इस फिल्म की जब नींव रखी गई थी तो भंसाली को इस बात का यकीन तो नहीं रहा होगा कि हिंसक विरोध की आग में यह इस कदर झुलस जाएगी।
विरोध अब भी जारी है, हिंसा बढ़ी है, सबसे ऊपरी अदालत अपनी बात पर कायम है कि राज्य क़ानून व्यवस्था को बनाये रखते हुए ‘पद्मावत’ को रिलीज़ करें। पंद्रहवी शताब्दी के सूफ़ी और निर्गुण प्रेमाश्रयी काव्य धारा के झंडाबरदार मलिक मोहम्मद जायसी की प्रसिद्ध रचना ‘पद्मावत‘ को अब दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर बड़े परदे पर लाएंगे। साथ में छोटे छोटे लेकिन अहम् रोल्स में रज़ा मुराद, अदिति राव हैदरी, अनुप्रिया गोयनका और जिम सर्भ भी दिखेंगे। करीब दो घंटे 43 मिनट की पद्मावत, जायसी के आधार और भंसाली की सिनेमेटिक सोच का मिश्रण मानी जा रही है। कहानी वही 13वीं शताब्दी की है, जिसमें खिलजी वंश का शासक जलालुद्दीन खिलजी दिल्ली जीतने की योजना बनाता है और उसका भतीजा अलाउद्दीन, चाचा को ही मार कर दिल्ली का सुल्तान। मेवाड़ के राजा महारावल रतन सिंह, सिंघल द्वीप की राजकुमारी पद्मिनी से ब्याह कर उसे चित्तौड़ लाते हैं। इसके बाद शुरू होती है असली कहानी। महारावल को छल से बंदी बनाने की, रानी पद्मिनी के सौन्दर्य पर अपने पौरुष के इगो को साबित करने और दरिंदगी की सीमाओं में सब कुछ समेट कर वर्चस्व दिखाने की।
सेंसर बोर्ड ने फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट के साथ पास किया है। पर इतनी आसानी से नहीं। जब ये फिल्म पद्मावती बन कर सेंसर के पास आई थी तब तक देश भर में बवाल हो चुका था और मजबूरन निर्माताओं को एक दिसंबर 2017 की अपनी रिलीज़ डेट को भी टालना पड़ा था। सेंसर को भी एक्सपर्ट पैनल बिठा कर उनकी राय लेनी पड़ी थी और फिर जा कर सेंसर प्रमुख प्रसून जोशी और टीम ने इस फिल्म को पास कर दिया। पर शर्तें पांच गिनाई।
1-स्पष्ट रूप से ये डिस्क्लेमर डाला जाय कि फिल्म में सती प्रथा को महिमा मंडित नहीं किया जा रहा है।
2- फिल्म के गाने ‘ घूमर ‘ में भी बदलाव किये जाए ताकि वो रानी पद्मिनी की छवि को ख़राब न करे और न ही इससे जनभावनाएं आहत हों।
3- ये फिल्म काल्पनिक है, इसका स्पष्ट डिसक्लेमर दिया जाय।
4- उन ऐतिहासिक तथ्यों को बदला जाय जिससे भ्रामक संदेश जाता है।
5- फिल्म का नाम पद्मावत करना होगा, क्योंकि निर्माता ने कहा है कि ये जायसी की पद्मावत पर आधारित है।
साल 2015-16 में जब पद्मावत अपने स्क्रिप्ट रूप में आ रही थी तो संजय लीला भंसाली प्रोडक्शन ने इसके बजट का जोड़तोड़ शुरू किया था। भंसाली , मैग्नम-ओपस बनाते हैं तो उसके लिए बजट भी बहुत बड़ा चाहिए । पहले एक बड़े प्रोडक्शन हाउस ने पद्मावत (तब पद्मावती) में पैसा लगाने का फ़ैसला किया था लेकिन बाद में पैर पीछे खींच लिए। इसके बाद वायकॉम 18 आगे आया। तब फिगर आई 180 करोड़ रूपये, इसमें प्रिंट और पब्लिसिटी के 25 करोड़ रुपए शामिल नहीं है। लेकिन फिल्म के टल जाने के कारण अब लागत पर और बोझ आ गया है और माना जा रहा है कि कॉस्टिंग 200 करोड़ रुपए से भी आगे जा सकती है। पद्मावत को हिंदी के साथ तमिल और तेलुगु भाषाओँ में भी रिलीज़ किया जा रहा है। भारत में हिंदी के लिए चार से साढ़े चार हजार स्क्रीन्स और अन्य भाषाओं व ओवरसीज को मिलकर पद्मावत करीब 6000 स्क्रीन्स में रिलीज़ होगी। हालांकि अभी इनकी निश्चित संख्या नहीं बताई गई है। ट्रेड सर्किल के मुताबिक पद्मावत को पहले दिन 25 से 30 करोड़ रुपए की ओपनिंग लग सकती है। इसमें बड़े पैमाने पर प्लस और माइनस के भी चांस हैं क्योंकि अगर अधिक उत्सुकता के चलते लोगों का सिनेमाहाल तक पहुंचना या सुरक्षा की भावना से शुरू में थियेटर में जाने से बचना शामिल है। पद्मावत को लंबा वीकेंड मिला है। गुरुवार को रिलीज़ हो रही इस फिल्म को 26 जनवरी की छुट्टी और फिर वीकेंड का आसरा है ।
फिल्म की रिलीज़ से पहले आये कुछ रिव्यूज़ में रणवीर सिंह के अभिनय की जमकर सराहना हुई है। भंसाली ने उन्हें इस बार जो सबसे क्रूर विलेन जो बनाया है। वैसे तो फिल्म दीपिका पादुकोण के किरदार पर केन्द्रित है लेकिन रणवीर के लिए बॉक्स ऑफ़िस के लिहाज़ से काफ़ी महत्वपूर्ण भी। रणवीर सिंह के फिल्मी करियर में गुंडे अब तक की उनकी सबसे बड़ी ओपनर रही थी, जिसने 16 करोड़ 12 लाख रुपए का कारोबार किया था। रणवीर- दीपिका के कॉम्बिनेशन वाली फिल्म गोलियों की रासलीला ‘राम-लीला’ ने पहले दिन 16 करोड़ और बाजीराव मस्तानी (प्रियंका का भी स्टेक) 12 करोड़ 80 लाख रूपये का कलेक्शन बटोरा था। दीपिका पादुकोण ने इससे पहले शाहरुख़ खान के साथ की फिल्मों में बड़ी ओपनिंग ली है लेकिन इस कॉम्बिनेशन में ये उनकी भी सबसे बड़ी ओपनिंग कमाई वाली फिल्म हो सकती है ।