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नई दिल्ली। 11400 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। शनिवार को गिरफ्तार किए गए पीएनबी के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने कबूल किया है कि उसे एलओयू (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) जारी करने के बदले रिश्वत मिलती थी।
सीबीआई पूछताछ में शेट्टी ने बताया कि एलओयू के अमाउंट के आधार पर परसेंटेज फिक्स था और मामले में शामिल सभी बैंक अधिकारियों को उनका हिस्सा मिलता था। इस बीच, पीएनबी के छह अधिकारी सीबीआई दफ्तर पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि ये वही अधिकारी हैं, जिनका नाम शेट्टी ने सीबीआई से पूछताछ में बताया था।
आपको बता दें कि गोकुलनाथ शेट्टी वही अधिकारी है जिसने बैंक गारंटी दी थी। शेट्टी ने पूछताछ के दौरान कुछ और बैंक अधिकारियों के शामिल होने की बात कही थी।
आपको बता दें कि पीएनबी धोखाधड़ी मामले में सीबीआई ने बैंक के एक सेवानिवृत्त डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी, एकल खिडक़ी संचालक मनोज खरात और नीरव मोदी की कंपनियों के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता हेमंत भट्ट को गिरफ्तार किया था। तीनों आरोपियों को शनिवार को मुंबई स्थित सीबीआई विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से तीनों को तीन मार्च तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
सीबीआई ने शनिवार आधी रात में गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों से घंटों पूछताछ की। इनकी पूछताछ के आधार पर पंजाब नेशनल बैंक से अहम दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। सीबीआई तीनों को उसी ब्रांच में लेकर पहुंची जहां घोटाला हुआ। इस बीच, नीरव मोदी और अन्य आरोपियों को लेकर भी कार्रवाई तेज कर दी गई है।
इस बीच, मामले में दूसरी एफआईआर भी दर्ज करवा दी गई है। इससे पता चलता है कि यूपीए की सरकार के रहते घोटाला शुरू हुआ था और एनडीए के शासनकाल में यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहा। कुछ लोगों का कहना है कि यूपीए की सरकार के समय नीरव मोदी के लिए बैंक के दरवाजे खोल दिए गए, तो एनडीए पर भी इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं।
दूसरी एफआईआर में खुलासा हुआ है कि एनडीए के शासनकाल में साल 2017-18 में करीब 5000 करोड़ का घोटाला हुआ। इस मामले में 4 एजेंसियां कार्रवाई कर रही है। विदेश मंत्रालय ने नीरव और मेहुल के पासपोर्ट 4 हफ्ते के लिए सस्पेंड कर दिए हैं।
दूसरी एफआईआर में चौकाने वाले तथ्य –
दूसरी एफआईआर में खुलासा हुआ है कि नीरव मोदी को ज्यादातर एलओयू साल 2017 में जारी किए गए। इस एफआईआर में कई और बैकों के नाम है। इन बैंकों ने पीएनबी के कहने पर नीरव मोदी को मॉरिशस, बहरीन, हांगकांग, फ्रैंकफर्ट जैसे देशों में करोड़ों की रकम दी गई ।
इस मामले में इलाहाबाद बैंक के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर रह चुके दिनेश दुबे का कहना है कि घोटाला तो पिछली यूपीए सरकार के वक्त से जारी है, जो एनडीए के समय में 10 से 50 गुना बढ़ गया। 2013 में वित्त सचिव ने आरबीआई को डिसेन्ट नोट भेजकर लोन देने का दबाव बनाया था।
न्यूयॉर्क में है नीरव मोदी –
इस दौरान नीरव मोदी के यहां पर मारे गए छापों में 5649 करोड़ रुपए के हीरे-जवाहरात और सोना जब्त किया गया है। नीरव मोदी के देश छोड़कर भागने की खबरों के बीच सरकार का कहना है कि वह जहां भी है भागकर नहीं जा पाएगा। सूत्रों के मुताबिक वह इस समय अपने परिवार के साथ न्यूयॉर्क की एक होटल में ठहरा हुआ है। होटल में एक सुइट 90 दिन के लिए बुक किया गया है।