45 नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्यों ने शपथ ग्रहण की

asiakhabar.com | July 23, 2020 | 12:19 pm IST

शिशिर गुप्ता

नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को उच्च सदन के
नवनिर्वाचित 45 सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। नायडू ने नवनिर्वाचित सदस्यों से यह
सुनिश्चित करने की अपील की कि सदन में उनका आचरण नियमों के अनुकूल और स्थापित मानदंडों के अनुरूप
हो। कोविड-19 महामारी के कारण अंतर सत्र के दौरान शपथ ग्रहण समारोह राज्यसभा के चैम्बर में आयोजित
किया गया था। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति एवं उच्च सदन के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा, ‘‘देश के विधि
निर्माता के रूप में आपका चुनाव हुआ है। अपने दायित्व के निर्वहन में आप सुनिश्चित करें कि सदन में आपका
आचरण नियमों के अनुकूल हो, स्थापित मानदंडों के अनुरूप हो और सदन के बाहर आपका आचरण नैतिकता के
मानदंडों के अनुसार हो।’’ उन्होंने कहा कि तत्काल लाभ के लिए सदन में बाधा-व्यवधान डालने के प्रलोभन में न
पड़ें बल्कि जनता की दृष्टि में इस सदन का सम्मान बढ़ाने के प्रति सदैव सचेत रहें। कानून का शासन लागू हो
यही देश का विधान है। और इसकी शुरुआत आप ही से होती है, जब आप सदन के नियमों और प्रथाओं का पालन
करते हैं। बुधवार को शपथ लेने वाले नये 45 सदस्यों में 36 सदस्य ऐसे हैं जो पहली बार राज्यसभा के सदस्य के
रूप में शपथ ले रहे हैं। उन्होंने सामाजिक दूरी के मानकों का पालन करते हुए उच्च सदन के लिये शपथ ली।
राज्यसभा के लिये 12 निवर्तमान सदस्य पुन: निर्वाचित हुए हैं जिसमें शरद पवार, हरिवंश, रामदास आठवले,

दिग्विजय सिंह, भुवनेश्वर कालिता, प्रेमचंद्र गुप्ता और विश्वजीत दायमरी ने भी शपथ ग्रहण की। भाजपा नेता
ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे ने उच्च सदन के लिये पहली बार शपथ ली। सिंधिया
मध्य प्रदेश से राज्य सभा के लिये निर्वावित हुए हैं। सिंधिया ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद
का भी अभिवादन किया। ऐसे सदस्य जो बुधवार के शपथ ग्रहण समारोह में शपथ नहीं ले पायें हैं, वे आसन्न
मानसून सत्र में लेंगे। बहरहाल, उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति ने वेंकैया नायडू ने सदस्यों से कहा कि
नियमित द्विवर्षीय चुनावों और उपचुनावों में 20 राज्यों से 61 स्थानों पर निर्वाचन हुआ था, जिनमे कुछ अनुभवी
लेकिन काफी संख्या में पहली बार बने नए सदस्य निर्वाचित हुए। उन्होंने कहा कि यद्यपि राज्य सभा के सदस्य
के रूप में आपका कार्यकाल विधि और न्याय मंत्रालय की अधिसूचना के साथ ही प्रारंभ हो गया है, तथापि आप
शपथ लिए बिना इस सदन और इसकी समितियों की बैठकों में भाग नहीं ले सकते थे। उन्होंने कहा कि आज शपथ
ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया है ताकि नवनिर्वाचित सदस्य समिति की बैठकों और आसन्न मानसून सत्र
में हिस्सा ले सके। नायडू ने कहा, ‘‘उन्हें उम्मीद है कि एक या दो दिन में आपकों अलग अलग समितियों में
मनोनित किया जा सकेगा। ’’ राज्यसभा के सभापति ने कहा कि पहली बार चुने गए सदस्यों को राज्यसभा के
इतिहास और योगदान के बारे में जानने और लोगों की नजर में इसके कद को ऊंचा बनाने का प्रयास करने की
जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको सुझाव देता हूं कि आप इस बात पर गौर करें कि विभिन्न मुद्दों को उठाने के
लिये वरिष्ठ सदस्य किस प्रकार से प्रक्रियाओं का उपयोग करते हैं। ’’ नायडू ने कहा कि उन्हें शपथ ग्रहण की
योजना कोरोना वायरस के कारण लागू यात्रा प्रतिबंधों के कारण पूर्व में टालनी पड़ी थी। कुछ नवनिर्वाचित सदस्यों
ने शपथ ग्रहण के लिये लम्बी यात्रा को लेकर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने महामारी पर नियंत्रण के लिये केंद्र और
राज्य सरकारों के प्रयासों का उल्लेख करते हुए उम्मीद जतायी कि सामान्य जीवन जल्द बहाल हो सकेगा। तीन
महिलाओं सहित नये सदस्यों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ तेलुगू, बोडो, कन्नड़, मणिपुरी, मराठी, ओडिया,
तमिल, बंगाली, हिन्दी और अंग्रेजी में ली। शपथ ग्रहण करने वाले सदस्यों में महाराष्ट्र से प्रियंका चतुर्वेदी, राजीव
सातव, मध्यप्रदेश से सुमेर सिंह सोलंकी, अरूणाचल प्रदेश से नाबम रेबिया, असम से विश्वजीत दायमरी, बिहार से
विवेक ठाकुर, गुजरात से शक्ति सिंह गोहिल, अभय भारद्वाज, रमिलाबेन बारा, नरहरि अमीन शामिल हैं। इसके
अलावा हरियाणा से दीपेंदर सिंह हुड्डा, राम चंद्र जांगड़ा, हिमाचल प्रदेश से इंदु गोस्वामी, झारखंड से दीपक
प्रकाश, कर्नाटक से अशोक गास्ती और इराना कदादी, महाराष्ट्र से उदयनराज भोंसले एवं भागवत कराद, मणिपुर
से लेइशेम्बा सानाजोएबा, मिजोरम से के वनलालवेना, राजस्थान से राजेन्द्र गहलोत के अलावा आंध्र प्रदेश से ए
रामी रेड्डी, पी सुभाष चंद्र बोस, वेंकटरमन्ना राव मोपीदेवी ने भी शपथ ग्रहण की।


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