संयुक्त राष्ट्र। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ब्रिक्स समूह के सदस्यों से कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में काफी समय से लंबित सुधारों को हासिल करने के महत्वपूर्ण मुद्दों पर सदस्यों के बीच मतभेद नहीं होने चाहिए और इस मुद्दे पर उन्हें दृढ़ता से बात रखनी चाहिए।
संरा महासभा के 73वें सत्र से इतर गुरुवार को ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए स्वराज ने कहा कि ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के पांच सदस्यीय समूह की शुरूआत एक दशक पहले अंतरराष्ट्रीय संगठनों में यथास्थिति खत्म करने और बहुपक्षवाद की विकृतियों को सुधारने के लिए हुई थी। उन्होंने कहा कि एक दशक बाद बहुपक्षवाद का आह्वान इस यथास्थिति को मजबूत करने के लिए नहीं बल्कि उसे बदलने का होना चाहिए।
स्वराज ने कहा, ‘‘ व्यापक स्तर पर, अगर ब्रिक्स को ज्यादा मजबूत होकर उभरना है तो हमें आने वाले वर्षों में साझे सरोकार के मुद्दों पर बेहतर समझ और सहमति विकसित करना होगी।’’उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘‘ बहुपक्षवाद में सुधार’’ के आह्वान का जिक्र करते हुए कहा कि अभी तक अधूरा रहा सबसे अहम एजेंडा संरा सुरक्षा परिषद में सुधार का है। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार पर चर्चा अनंत काल की कवायद नहीं हो सकती जबकि सुरक्षा परिषद की वैधता और साख का लगातार क्षरण हो रहा है।
ब्रिक्स में अतंरराष्ट्रीय शासन के अहम क्षेत्र में आपस में विभाजित होने की जगह हमें ज्यादा मजबूत आवाज में अपनी बात रखनी चाहिए।’’स्वराज ने आतंकवाद निरोध पर संयुक्त कार्रवाई के लिए ब्रिक्स देशों की रणनीति को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘आतंकवादी संगठनों के समर्थन के बुनियादी ढांचे को ध्वस्त करना पहला कदम होगा। लश्कर-ए-तैयबा, आईएसआईएस, अल-कायदा, जैश-ए-मोहम्मद, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी संगठन ऐसे संगठित गिरोह हैं जो सरकारी समर्थन पर फलते-फूलते हैं।’’
विदेश मंत्री ने ब्रिक्स देशों से आग्रह किया कि वे आतंवादियों और उनके संगठनों को सूचीबद्ध करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद निरोधी तंत्र को बेहतर बनाने के लिए हाथ मिलाएं। उन्होंने कहा, ‘‘सभी अधिकार-क्षेत्रों में एफएटीएफ (वित्तीय कार्रवाई कार्यबल) मानकों का क्रियान्वयन आतंकवाद से निबटने में अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को मजबूत करेगा।’
इस बैठक में ब्राजील के विदेश मंत्री अलॉयसियो नून्स फेरेरा फिल्हो, रूस के विदेश मंत्री सर्जेइ लावराव, चीन के विदेश मंत्री वांग यी और दक्षिण अफ्रीका की विदेशी संबंध एवं सहयोग मंत्री लिंडिवे सिसुलू शामिल हुए। स्वराज ने कहा कि पिछले दशक में ब्रिक्स ने अनेक प्रभावशाली कदम उठाए और उसे आगे ले जाने के लिए पांच देशों के इस मंच को और भी मजबूत बनाने की जरूरत है।