नई दिल्ली। दिल्ली की 2021-2022 की आबकारी नीति की कथित
अनियमितता के आरोपों से घिरे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपनी गिरफ्तारी और
पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेजने के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मंगलवार को ‘विशेष उल्लेख’ के
दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने श्री सिसोदिया की याचिका पर तत्काल सुनवाई की गुहार
लगाई। पीठ ने कहा कि वह इस मामले में आज शाम चार बजे सुनवाई करेगा।
श्री सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत ने सोमवार को पांच दिनों के लिए सीबीआई
की हिरासत में भेज दिया था।
दिल्ली की राउस एवेन्यू स्थित एम के नागपाल की अदालत ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के
बाद 14 अन्य आरोपियों में शामिल सिसोदिया को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की हिरासत में भेजने
का आदेश पारित किया था।
अदालत ने आम आदमी पार्टी के नेता सिसोदिया को हिरासत में देने की सीबीआई की गुहार स्वीकार
करते हुए 04 मार्च अपराह्न दो बजे आरोपी को पेश करने का आदेश दिया था।
सीबीआई का पक्ष रख रहे स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर पंकज गुप्ता ने विभिन्न दलीलें देते हुए
पूछताछ की आवश्यकता बताई और अदालत से श्री सिसोदिया की पांच दिन की हिरासत की गुहार
लगाई थी।
श्री सिसोदिया का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ताओं- डी. कृष्णन, मोहित माथुर और सिद्धार्थ अग्रवाल
ने सीबीआई हिरासत को गैरजरुरी और कानून का दुरुपयोग बताते हुए मुख्यमंत्री को हिरासत में
भेजने की मांग का पुरजोर विरोध किया।
सीबीआई ने दिल्ली की आबकारी नीति 2021-2022 (विवाद के बाद दिल्ली सरकार ने इस नीति को
रद्द कर दिया था) में कथित अनियमितता के मामले में श्री सिसोदिया को रविवार को आठ घंटे की
पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।
सीबीआई का आरोप है कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। केंद्रीय जांच एजेंसी ने 17
अगस्त-2022 को श्री सिसोदिया समेत 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद 17
अक्टूबर श्री सिसोदिया से पूछताछ भी की गयी थी।