नई दिल्ली, 12 अप्रैल। केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि भारत बढ़ते साइबर अपराध और साइबर आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए साइबर सुरक्षा में बेहतर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का समर्थन करता है। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, डिजिटल अर्थव्यवस्था पर जी-20 के डिजिटल मंत्रियों की जर्मनी में हुई द्विपक्षीय बैठक में मंत्री ने कहा कि भारत का यह भी मानना है कि डिजिटीकरण के प्रसार के लिए बहुहितधारकों वाला मॉडल श्रेष्ठ है और पेशेवर लोगों तथा सूचना सक्रियता के मार्ग में सीमा बाधा नहीं होनी चाहिए। रूस, इंडोनेशिया, जर्मनी, ब्रिटेन, अर्जेटीना, सिंगापुर, चीन, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका और अंतर्राष्ट्रीय दूर संचार यूनियन (आईटीयू) के प्रतिनिधियों के साथ वार्ताएं हुईं। बयान के मुताबिक, जी-20 डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की जी-20 के मंत्रियों ने सराहना की। मंत्रियों ने कहा कि डिजिटल इंडिया सस्ते रूप में सुरक्षित तरीके से निजता के साथ 1.1 अरब नागरिकों को आधार के माध्यम से अनूठी डिजिटल पहचान प्रदान करता है। डिजिटल इंडिया की दिशा में भारत सरकार के अभियान के बारे में प्रसाद ने कहा, डिजिटल प्रौद्योगिकी और इंटरनेट मानव मस्तिष्क के सृजन के बेहतरीन उदाहरण हैं और अब यह वैश्विक हो गया है। इसका उपयोग हम डिजिटल खाई को पाटने और अपने नागरिकों को अधिकार संपन्न बनाने और उनका जीवन स्तर सुधारने के काम में कर रहे हैं। भारत किस प्रकार डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग समावेश और विकास व्यवस्था के लिए कर रहा है, इस पर उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था के रूप में हमारी सफलता की कुंजी नवाचार है। भारत में आज स्टार्टअप के लिए सबसे बेहतरीन माहौल है, जहां हर साल 4,000 से अधिक स्टार्टअप आईओटी, डेटा एनालिटिक्स, ब्लॉक चेंस तथा मशीन लर्निग सहित उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इनमें से कई स्टार्टअप स्वास्थ्य तथा शिक्षा के क्षेत्र में हमारी बड़ी चुनौतियों का समाधान करने की दिशा में अग्रिम पंक्ति में हैं।