नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल करने के लिए केंद्र द्वारा नियुक्त विशेष वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा को विशेषज्ञों ने अहम सलाह दी है। उनका कहना है कि शर्मा को घाटी में अलगाववादियों से जरूर बात करनी चाहिए।
जम्मू-कश्मीर कैडर के पूर्व आईएएस वजाहत हबीबुल्लाह का कहना है, ‘वार्ताकार से मेरा आग्रह है कि वह सभी वर्गों तक अपनी पहुंच बनाएं। हुर्रियत नेतृत्व की ओर से भी उन्हें जवाब आना चाहिए। वार्ता का चैनल खोलना चाहिए।’
रिटायर्ड एयर मार्शल कपिल काक ने पूछा कि अभी तक सरकार या वार्ताकार ने अलगाववादियों से संवाद का जरिया क्यों नहीं खोजा? बकौल काक, ‘केंद्र या वार्ताकार की ओर से ऑल पार्टी हुर्रियत से बातचीत की कोई पहल नहीं की गई। सरकार को इस दिशा में गंभीरतापूर्वक पहल करनी चाहिए।’
ध्यान रहे कि हबीबुल्लाह और काक उस दल के सदस्य थे, जिसने पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिंहा के नेतृत्व में पिछले वर्ष कश्मीर का दौरा किया था। कश्मीर मामलों के दोनों विशेषज्ञ शनिवार को कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के संगठन हिंद भारतीयम् फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
इस मौके पर खुर्शीद ने कहा, ‘कश्मीर की समस्या भारत की अवधारणा से जुड़ा हुआ सवाल है। इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है।’