नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के भर में कुल 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य की रविवार को आधारशिलाएं रखीं। ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत विकसित किए जाने वाले ये स्टेशन 27 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में फैले हैं। इस मौके पर पीएम ने कहा कि विकसित होने के लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ा रहा भारत अपने अमृत काल के प्रारंभ में है। नई ऊर्जा, प्ररेणा, संकल्प है। भारतीय रेल के इतिहास में भी एक नए अध्याय की शुरूआत हो रही है। भारत के करीब 1300 प्रमुख रेलवे स्टेशन अब अमृत भारत रेलवे स्टेशन के तौर पर विकसित किए जाएंगे और उनका पुनर्विकास आधुनिकता के साथ होगा।
उन्होंने कहा कि इससे देश के सभी राज्यों को लाभ मिलेगा। उत्तर प्रदेश में करीब 4500 करोड़ रुपये के खर्च से 55 अमृत स्टेशन को विकिसत किया जाएगा। राजस्थान के भी 55 रेलवे स्टेशन अमृत रेलवे स्टेशन बनेंगे। उन्होंने रेल मंत्रालय की सराहना की और देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि रेलवे में जितना काम हुआ है वह हर किसी को प्रसन्न और हैरान करती है। दुनिया में दक्षिण अफ्रीफा, यूक्रेन, पोलैंड, यूके और स्वीडन जैसे देशों में जितना रेल नेटवर्क है उससे अधिक रेल ट्रैक हमारे देश में इन 9 वर्षों में बिछाए गए हैं। साउथ कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में कुल जितना रेल ट्रैक है उससे अधिक रेल ट्रैक भारत में अकेले पिछले साल बनाए हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि रेलवे में जिस तरह से काम हुआ है, किसी भी प्रधानमंत्री का मन करेगा कि इनका जिक्र 15 अगस्त को लाल किले से करे। जब 15 अगस्त सामने है तो मन बहुत लालायित होता है कि उसी दिन इसकी चर्चा करूं। आज यह इतना विराट आयोजन हो रहा है कि देशे के कोने-कोने से लोग जुड़ें हैं कि मैं अभी इस बात पर इतने विस्तार से चर्चा कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि हमारा जोर भारतीय रेलवे को आधुनिक बनाने के साथ ही पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर है। 2030 तक भारत एक ऐसा देश होगा जिसकी रेलवे नेट जीरो उत्सर्जन पर चलेगी।
उन्होंने इस मौके पर कहा कि आज भी विपक्ष का एक धड़ा पूराने धरे पर चल रहा है। वह आज भी ना खुद कुछ करेंगे ना करने देंगे। सरकार ने संसद की नई इमारत बनवाई, कर्तव्य पथ का विकास किया लेकिन विपक्ष ने इसका भी विरोध किया। हमने वॉर मेमोरियल बनाया उसका भी विपक्ष ने विरोध किया। सरदार वल्लभ भाई के मुर्ती को लेकर विरोध किया। इनका (विपक्ष) एक भी नेता स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर नहीं गया। उन्होंने कहा कि हर भारतीय के लिए अगस्त बहुत विशेष महीना होता है। ये महीना क्रांति का है, कृतज्ञता का है, कर्तव्य भावना का है।
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधरी के अनुसार, विश्व के सबसे बड़े और व्यस्ततम रेलवे नेटवर्क्स में से एक है, जो देश के हजारों शहरों और नगरों को परस्पर जोड़ते हुए लाखों लोगों को यातायात का एक महत्वपूर्ण साधन उपलब्ध कराता है। पिछले नौ वर्षों से भारतीय रेल के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया चल रही है। इसके अंतर्गत आधारभूत ढांचे, तकनीक और यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत रेलवे स्टेशनों की पुनर्सज्जा, नई रेलवे लाइनें बिछाने, शत-प्रतिशत विद्युतीकरण और यात्रियों एवं परिसंपत्तियों की संरक्षा को बढ़ाने जैसी व्यापक गतिविधियां शामिल हैं।
प्रधानमंत्री जिन 508 स्टेशनों के पुनर्विकास कार्यों के शुभारंभ के साथ पूरे भारत में ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ का उद्घाटन करेंगे, इनमें से 71 रेलवे स्टेशन उत्तर रेलवे जोन में हैं। इसे देखते हुए रेलवे ने दिल्ली कैंट, दिल्ली सब्जी मंडी और नरेला में कार्यक्रम का आयोजन करेगा। इन 508 स्टेशन देश में उत्तर प्रदेश में 55, राजस्थान में 55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात में 21, तेलंगाना में 21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश में 18, तमिलनाडु में 18, हरियाणा में 15, कर्नाटक में 13 स्टेशन शामिल हैं।
योजना का उद्देश्य
स्टेशनों का सिटी सेंटरों के रूप में विकास
शहर के दोनों छोरों का एकीकरण
स्टेशन भवनों का सुधार व पुनर्विकास
आधुनिक यात्री सुविधाओं का प्रावधान
बेहतर यातायात व्यवस्था और इंटरमोडल इंटीग्रेशन
मार्गदर्शन के लिए एक-समान और सहायक सूचक चिन्ह
मास्टर प्लान में उचित संपत्ति विकास का प्रावधान
लैंडस्केपिंग, स्थानीय कला और संस्कृति
24470 करोड़ होगी परियोजना की लागत
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में बताया कि इस पुनर्विकास परियोजना की लागत 24,470 करोड़ होगी और इससे यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान होंगी। प्रधानमंत्री जिन रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे, उनमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 55-55, बिहार के 49, महाराष्ट्र के 44, पश्चिम बंगाल के 37, मध्य प्रदेश के 34, असम के 32, ओडिशा के 25, पंजाब के 22, गुजरात और तेलंगाना के 21-21, झारखंड के 20, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के 18-18, हरियाणा के 15 और कर्नाटक के 13 स्टेशन शामिल हैं।
विश्व स्तरीय सुविधाएं देना प्राथमिकता
पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर अत्याधुनिक सार्वजनिक परिवहन के प्रावधान पर जोर देते हैं और रेलवे लोगों के परिवहन का पसंदीदा साधन है। उन्होंने रेलवे स्टेशनों पर विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के महत्व को प्राथमिकता दी है। इस दृष्टिकोण से 1,309 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ शुरू की गई। योजना के तहत पीएम मोदी 508 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए आधारशिला रखेंगे।
सिटी सेंटर के रूप में होंगे विकसित
पीएमओ ने कहा, इसके तहत शहर के दोनों किनारों के समुचित एकीकरण के साथ इन स्टेशनों को ‘सिटी सेंटर’ के रूप में विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं। यह एकीकृत दृष्टिकोण शहर के समग्र शहरी विकास के समग्र दृष्टिकोण से प्रेरित है, जो रेलवे स्टेशन के आसपास केंद्रित है।