बेंगलुरु। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कर्नाटक विधानसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि टीपू सुल्तान की मृत्यु अंग्रेजों के साथ ऐतिहासिक लड़ाई के दौरान हुई थी। टीपू सुल्तान युद्ध में तकनीक के इस्तेमाल में अग्रणी थे।
कर्नाटक राज्य बुधवार को अपनी विधानसभा भवन को रंग-बिरंगी लाइट से सजा कर 60वां स्थापना वर्ष समारोह मना रहा रहा है। इस अवसर पर राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा का उद्घाटन अक्टूबर 1956 में राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने किया था। विधानमंडल एक ऐसा स्थान है, जहां विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होती है, कुछ लोग मुद्दों पर अपनी असहमति जताते हैं और आखिरकार उन पर निर्णय लिया जाता है। यह इच्छा, आकांक्षाओं और लोगों की उम्मीदों का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि हम सभी विधानसभा के तीन ‘डी’, बहस, असहमति और अंत में निर्णय (debate, dissent and finally decide) के बारे में जानते हैं। लेकिन, अगर हमें इसमें चौथा ‘डी’, शिष्टता (Decency) जोड़ते हैं, तब हम पांचवें ‘डी’ लोकतंत्र (Democracy) को वास्तविकता का रूप दे सकते हैं।
18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की राष्ट्रपति कोविंद ने प्रशंसा करते हुए उन्हें एक ऐसा योद्धा करार दिया जो अंग्रेजों से लड़ते हुए ऐतिहासिक मौत को प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि टीपू सुल्तान ने मैसूर रॉकेट के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया और युद्ध के दौरान इनका बेहतरीन इस्तेमाल किया। इसी रॉकेट का बाद में यूरोप के लोगों ने भी इस्तेमाल किया।