कोलकाता, 12 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण में किसी प्रकार की कानूनी अड़चन को खारिज करते हुए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने मंगलवार को मंदिर के निर्माण के लिए एक कानून बनाने की मांग की। विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव सुरेंद्र कुमार जैन ने कहा, एक प्रावधान है, जिसके तहत संसद का संयुक्त सत्र बुलाया जाता है और विधेयकों को पारित किया जाता है। मुझे नहीं लगता कि मंदिर निर्माण में कोई कानूनी अड़चन है। मौजूदा सरकार में हम सभी को विश्वास है..राम मंदिर को लेकर एक विधेयक पारित किया जा सकता है। यह उनकी कटिबद्धता भी है। जैन ने यहां संवाददाताओं से कहा, अयोध्या उत्तर प्रदेश में है और वहां योगी (मुख्यमंत्री आदित्यनाथ) हैं, जिन्होंने शपथ लेने के तुरंत बाद कहा था कि राम मंदिर का निर्माण उनके जीवन का मिशन है और मैं उसे किसी भी कीमत पर पूरा करूंगा। मुझे लगता है कि मोदी तथा योगी दोनों सपने को जल्द साकार करेंगे। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मामले को अदालत से बाहर सुलझाने के सुझाव पर उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के तीन शीर्ष संस्थानों ने बातचीत को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, आपको बातचीत के लिए दो लोगों की जरूरत है। जब एक व्यक्ति खुद से ही बातचीत करता है, तो आप नहीं समझ पाते कि वह कहना क्या चाहता है। जब सर्वोच्च न्यायालय ने बातचीत के लिए कहा, तो मुस्लिम समुदाय के तीनों स्तंभों-मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, सुन्नी वक्फ बोर्ड तथा बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी-ने इसे तुरंत खारिज कर दिया। महासचिव ने कहा, ..जब तीन तलाक की बात आती है, तो वे कहते हैं कि न्यायालय को दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए, लेकिन जब रामजन्मभूमि की बात आती है, तो वे कहते हैं कि इसपर न्यायालय को फैसला देना चाहिए..क्या मजाक बना रखा है। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर अपना रुख सोमनाथ मंदिर की ही तरह बताते हुए उन्होंने कहा, अंततः गेंद संसद के पाले में है।