मंगलवार को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों को गति देने और साल के अंत में होने वाले चार राज्यों के चुनाव को देखते हुए भाजपा ने दिल्ली में एक बैठक रखी थी। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एवं पार्टी के 15 मुख्यमंत्रियों को शिरकत करनी थी। आगामी चुनावों को देखते हुए भाजपा के मुख्यमंत्रियों का यह बैठक काफी अहम मानी जा रही थी। यह बैठक अपने तय समय पर हुई भी और जिन लोगों को इसमें शामिल होना था वो लोग इसमें पहुंचे भी सिर्फ एक को छोड़कर और वह थे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान।
शिवराज सिंह चौहान को भी इस बैठक में शामिल होना था पर वह अपनी व्यस्तता का हवाला देकर इस बैठक से दूरी बना गए। पर ऐसा हुआ क्यों? इसे लेकर कयासों का बाजार गर्म हो गया है। कुछ राजनीतिक विश्लेषक इसे लेकर भाजपा के भीतर के अंतरविरोध के तरफ इशारा कर रहे हैं तो कुछ का कहना है कि शिवराज मोदी-शाह की टीम में फिट नहीं बैठ रहे। वजह चाहे जो भी हो पर सच यही है कि इसका खामियाजा भाजपा को आने वाले चुनावों में उठाना पड़ सकता है।
सूत्रों की मानें तो शिवराज सिंह चौहान इस बात से नाराज बताए जा रहे हैं कि नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय को भाजपा आलाकमान इतनी प्रमुखता क्यों दे रहा है। ऐसी खबरें आ रही हैं कि अमित शाह ने आगामी चनाव को लेकर मध्य प्रदेश में टिकट बंटवारे का जिम्मा नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय को दे रखा है जिससे शिवराज सिंह चौहान नाराज हैं।
एक बात यह भी बताई जा रही है कि भाजपा आलाकमान शिवराज को यह संदेश पहले ही दे रखा है जिसमें उनके करिबी मंत्रियों और विधायकों के टिकट काटें जा सकते है। यह बात शिवराज को जम नहीं रही और शिवराज अपनी बात मनवाने को लकर अपनी दिद्द पर उड़े हैं।