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हैदराबाद/नई दिल्ली। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी गुरुवार को हैदराबाद पहुंचे। वैसे तो रूहानी पहले भी भारत आ चुके हैं लेकिन 2013 में राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद उनकी यह पहली भारत यात्रा है। आज वो अपने दौरे की शुरुआत हैदराबाद से ही करेंगे और यहां की मक्का मस्जिद में नमाज अता करने के अलावा विभिन्न जगहों का दौरा करते हुए शाम को दिल्ली रवाना होंगे। दिल्ली में पीएम मोदी के साथ उनकी मुलाकात में चाबहार पोर्ट, फरजाद-बी तेल क्षेत्र और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।
हैदराबाद के बेगमपेट एयरपोर्ट पर रूहानी का स्वागत केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आरके सिंह और तेलंगाना व आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन ने किया। रूहानी की हैदराबाद की यह दूसरी यात्रा है। लेकिन राष्ट्रपति बनने के बाद वह पहली बार यहां आए हैं। इस यात्रा के दौरान रूहानी मुस्लिम बुद्धिजीवियों, विद्वानों और धर्मगुरुओं को संबोधित करने के अलावा हैदराबाद में रह रहे ईरानी मूल के लोगों से भी मिलेंगे। ईरानी राष्ट्रपति के साथ 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है।
शुक्रवार को हैदराबाद की ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करने के बाद वह एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इस सभा में धार्मिक विद्वान भी हिस्सा लेंगे। ईरानी राष्ट्रपति कुतुबशाही मकबरा, गोलकुंडा का किला और सालारजंग संग्रहालय देखने भी जाएंगे। शनिवार को वह दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से द्विपक्षीय हितों के विभिन्न मसलों पर बातचीत करेंगे।
2016 में मोदी गए थे ईरान
पीएम मोदी 2016 में द्विपक्षीय यात्रा पर ईरान गए थे। दोनों देशों के बीच तब एक दर्जन समझौते हुए थे। त्रिपक्षीय पारगमन समझौते (चाबहार समझौते) पर भारत, ईरान व अफगानिस्तान ने दस्तखत किए थे। ये समझौता पीएम मोदी, रूहानी व अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी की मौजूदगी में हुआ था। यह बंदरगाह सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे पाकिस्तान को बायपास कर तीनों देश जुड़ जाएंगे।