मुंबई। दुनिया के सबसे बड़े ऑप्टिकल टेलिस्कोप के डिजाइन और डिवेलपमेंट में
भारत प्रमुख भूमिका निभा रहा है। यह थर्टी मीटर टेलिस्कोप हवाई के मौना की मानक स्थान पर तैयार
हो रहा है।
थर्टी मीटर टेलिस्कोप इंडिया के असोसिएट प्रोग्राम डायरेक्टर ए एन रामप्रकाश ने मुंबई के वर्ली में स्थित
नेहरू साइंस सेंटर में आयोजित विज्ञान संगम कार्यक्रम में वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए इस बात की
जानकारी दी। उन्होंने कहा,टेलिस्कोप कंट्रोल सिस्टम, सॉफ्टवेयर और इंस्ट्रूमेंट्स के विकास में भारत का
बड़ा हिस्सा है। टेलिस्कोप का निर्माण इस वर्ष शुरू हो जाने की उम्मीद है। 2029-30 तक यह यूनिवर्स
की बड़ी तस्वीर पेश करेगी।
उन्होंने कहा, भारतीय इंडस्ट्री की तरफ से टेलिस्कोप का सेंसर, ऐक्चुएटर और मैकेनिकल सपॉर्ट स्ट्रक्चर
तैयार किया जा रहा है। सेंसर को तैयार करने की प्रक्रिया पुडुचेरी में चल रही है, जबकि ऐक्चुएटर को
बेंगलुरु में तैयार किया जा रहा है। कुछ हिस्से मुंबई में तैयार किए जा रहे हैं, जबकि टेलिस्कोप कंट्रोल
सिस्टम पुणे में तैयार हो रहा है।
रामप्रकाश ने बताया कि भारत की भूमिका बिल्डिंग और वेल्डिंग को तैयार करने की है, जिसको फर्स्ट
लाइट इंस्ट्रूमेंट के तौर पर जाना जाता है। इसमें आईयूसीएए, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ एस्ट्रोफीजिक्स,
आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंस जैसे प्रमुख भारतीय संस्थान शामिल हैं। टीएमटी के
असोसिएट प्रोजेक्ट मैनेजर रविंद्र भाटिया ने बताया कि यह टेलिस्कोप ऐस्ट्रॉनमी के नए क्षेत्रों पर फोकस
करेगा। इसका रेजल्यूशन नासा के हबल स्पेस टेलिस्कोप से 12 गुना बेहतर होगा।