ममल्लापुरम। दो दिन के दौरे पर भारत आए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और
पीएम मोदी के बीच कई मुद्दों पर विस्तार से बातचीत हुई। शनिवार को दोनों नेताओं के बीच करीब 1
घंटे तक बातचीत हुई। यह बैठक तमिलनाडु के कोवलम स्थित फिशरमैन कोव रिजॉर्ट में हुई। माना जा
रहा है कि इस दौरान देनों नेताओं के बीच व्यापार और आतंकवाद समेत कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर
चर्चा हुई। दोनों नेताओं की बैठक के बाद प्रतिनिधिमंडल के बीच बैठक हुई। इस बैठक के बाद पीएम
मोदी ने कहा कि पिछले 2000 साल से भारत और चीन आर्थिक शक्तियों के तौर पर आगे बढ़ी हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों देश आपसी मतभेदों को झगड़ा नहीं बनने देंगे। वहीं चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि
इस दौरे में भारत की मेहमाननवाजी से वह अभिभूत हैं। शी ने कहा कि वुहान की पहल भारत ने की थी,
जो अच्छी साबित हो रही है।
पीएम मोदी ने कहा, 'पिछले 2 हजार सालों के अधिकांश कालखंड में भारत और चीन दुनिया की प्रमुख
आर्थिक शक्तियां थीं। अब इस शताब्दी में हम फिर से साथ-साथ उस स्थिति को प्राप्त कर रहे हैं।
पिछले साल वुहान में हमारी अनौपचारिक बैठक में हमारे संबंधों में गति आई है। दोनों देशों में
रणनीतिक संवाद बढ़ा है। हमने तय किया था कि हम मतभेदों को आपसी बातचीत से दूर करेंगे और
विवाद नहीं बनने देंगे और एक दसूरे के चिंताओं के मामले में संवेदनशील रहेंगे। हमारे संबंध विश्व में
शांति और स्थिरता का कारक होंगे।' पीएम मोदी ने कहा कि चेन्नै समिट में अब तक हमारे बीच
द्विपश्रीय और वैश्विक मुद्दों पर महत्वपूर्ण विचार विनिमय हुआ है। वुहान स्पिरिट ने हमारे संबंधों को
नई गति दी है। चेन्नै कनेक्ट से दोनों देशों के बीच सहयोग का एक नया दौर शुरू होगा।
शी ने कहा कि वह मेहमाननवाजी से बहुत अभिभूत हैं और उनके लिए यह यादगार अनुभव है। शी ने
कहा कि चीनी मीडिया ने दोनों देशों के संबंधों पर बहुत कुछ लिखा है। शी ने भी पिछले साल वुहान
बैठक का जिक्र किया और उसका क्रेडिट पीएम मोदी को दिया। शी ने कहा, 'वुहान की पहल आपने की
थी और यह बहुत अच्छी कोशिश साबित हो रही है।' चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन और भारत एक-
दूसरे के अहम पड़ोसी हैं। दोनों दुनियों के इकलौते देश हैं जिनकी आबादी एक अरब से ज्यादा है। कल
और आज सुबह, जैसे आपने कहा कि हम द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत हुई।
प्रतिनिधिमंडल की बैठक में पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा
सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव विजय गोखले भी मौजूद हैं। इससे पहले शुक्रवार को दोनों
नेताओं के बीच डिनर पर करीब ढाई घंटे तक बात होती रही। विदेश सचिव गोखले ने बताया कि डिनर
पर हुई बातचीत में दोनों नेताओं ने यह माना कि चीन और भारत विविधता वाले देश हैं। दोनों बड़े देश
हैं और कट्टरता को एक बड़ी चुनौती के तौर पर देख रहे हैं। मोदी और शी ने इस दौरान आतंकवाद के
खिलाफ एकजुट होकर काम करने की बात भी कही ताकि बहुलवाद संस्कृति और सभी धर्मों की साझा
विरासत को कट्टरता से निकाला जा सके।