दिल्ली। अपने तीन दिवसीय दौरे के आखिरी दिन ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई। इसके बाद दोनों देशों के बीच कई अहम एमओयू साइन हुए।
दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर इस मुलाकात को ऐतिहासिक बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, “ईरान के राष्ट्रपति रूहानी की इस यात्रा से दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे।” वहीं बातचीत में दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने पर भी जोर दिया गया। आतंक के मुद्दे पर भी दोनों देशों ने आपसी साझेदारी बढ़ाने पर सहमति जताई। वहीं डबल टैक्ससेशन, कृषि के अलावा कई क्षेत्रों में अहम समझौते हुए। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चाबहार पोर्ट के निर्माण में ईरान से मिली मदद के लिए राष्ट्रपति रूहानी की तारीफ की। वहीं ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि,” वो भारत-ईरान के बीच रेल रिश्ते बढ़ाने की इच्छा रखते हैं। वहीं उन्होंने कहा कि, दोनों मुल्कों के रिश्ते व्यापार से परे हैं।”अफगानिस्तान को लेकर भी दोनों मुल्कों के नेताओं के बीच चर्चा हुई। पीएम मोदी ने कहा कि,” दोनों देश चाहते हैं कि पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान में भी अमन-चैन कायम रहे और वहां तरक्की हो। साथ ही इस मुल्क से आतंकवाद का नामो-निशान पूरी तरह मिट जाए।” इससे पहले रूहानी ने विदेशमंत्री सुषमा स्वराज से शिष्टाचार के तहत मुलाकात की। वहीं उन्होंने राजघाट पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। आज शाम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से उनकी औपचारिक मुलाकात होगी।