नई दिल्ली, 17 मई । भारत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संभावनाओं को समझता है और जब बात इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) को अपनाने की आती है, जिससे सभी क्षेत्रों की दक्षता बढ़ेगी, तो देश नेतृत्व से कम की भूमिका की कामना नहीं करता। सूचना प्रौद्योगिकी सचिव अरुणा सुंदराजन ने आईओटी इंडिया कांग्रेस 2017 के दूसरे संस्करण की शुरुआत के मौके पर यह बातें कही। उन्होंने कहा कि आईओटी उद्योग की शक्ति दो सबसे बड़े उद्योगों सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और दूरसंचार पर निर्भर है और देश इस क्षेत्र में नेतृत्व के लिए तैयार है। सुंदराजन ने कहा, विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमशीलता की क्षमता है और भारत में आकांक्षी व स्टार्टअप शुरू करने वाले युवाओं की कमी नहीं है। इसलिए मैं आशावान हूं कि इस दिशा में भारत दूसरों से आगे बढ़ सकता हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलजी (आईईटी) इंडिया द्वारा आईओटी इंडिया का आयोजन किया जाता है, जो आईओटी के क्षेत्र में व्यावसायिक परिणामों को गति देने के लिए देश का सबसे बड़ा मंच है। आईईटी के आईओटी पैनल और आईओटी इंडिया कांग्रेस 2017 की आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. ऋषि भटनागर का कहना है, 2017 में 84 लाख डिवाइस कनेक्टेड होंगे। यह पिछले साल की तुलना में 31 फीसदी अधिक है। आईओटी के विकास की यह अभूतपूर्व रफ्तार है और उद्योग को इसका फायदा उठाने के लिए तकनीकी रूप से उन्नत होने की जरूरत है।