भोपाल/नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पार्टी की मध्यप्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष प्रभात झा का आज तड़के दिल्ली में एक अस्पताल में उपचार के दौरान देहांत हो गया।
पूर्व राज्यसभा सांसद श्री झा कुछ समय से अस्पताल में भर्ती थे। कल उनके जन्म स्थान बिहार के सीतामढ़ी जिले स्थित पुश्तैनी गांव कोरियाही में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
उनके निधन पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने शोक संदेश में कहा कि श्री झा एक सजग़ जनप्रतिनिधि के साथ ही प्रख्यात लेखक और राष्ट्रवादी विचारक भी थे। उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया। इनमें राज्यसभा सदस्य और मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की भूमिकाएं भी शामिल हैं। डॉ. यादव ने कहा कि उनका श्री झा के साथ कई वर्ष का संबंध रहा। उन्होंने एक आदर्श जीवन जिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री झा ने अपने राजनीतिक जीवन में मीडिया के साथ आवश्यक समन्वय को हमेशा प्राथमिकता दी। वे निरंतर अध्यनन करते रहते थे। उन्होंने संगठन को सशक्त बनाने के लिए यादगार सेवाएं दीं।
वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने अपने शोक संदेश में कहा कि श्री झा ने अपना संपूर्ण जीवन संगठन के लिए अर्पित कर दिया। मध्यप्रदेश संगठन के विस्तार एवं उसे सुदृढ़ बनाने में उनकी अहम भूमिका रही। उन्होंने कहा कि उन्हें भी समय समय पर श्री झा का मार्गदर्शन मिलता रहा।
इसी बीच श्री झा के पुत्र तुष्मुल झा ने एक संदेश जारी करते हुए बताया कि सभी चाहते थे कि उनके पिता की कर्म स्थली मध्यप्रदेश के ग्वालियर में उनकी अंत्येष्टि हो, लेकिन श्री झा की इच्छानुसार उनकी अंत्येष्टि उनके जन्मस्थान, उनके पुश्तैनी गांव कोरियाही, जिला सीतामढ़ी, बिहार में होगी।
श्री झा सोशल मीडिया के इस अत्याधुनिक युग में भी अपने कार्यकर्ताओं और प्रियजनों के साथ अपने हस्तलिखित पत्रों के जरिए संवाद बनाए रखने के शौक के चलते खासे लोकप्रिय रहे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार श्री झा अपने व्यस्त समय के बीच भी लेखन के लिए भरपूर समय निकाल लेते थे। अपने प्रियजनों और कार्यकर्ताओं को हर अहम अवसरों पर स्वयं के लिखे पत्र भेजने की विशेषता उनके व्यक्तित्व को अलग बनाती थी। वे अक्सर कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने और उनसे संवाद स्थापित करने के लिए उन्हें पत्र भेजा करते थे।
लगभग ढ़ाई साल मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे श्री झा राज्यसभा सांसद रहने के साथ पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सचिव भी रहे। राज्यसभा सासंद रहने के दौरान उन्हें ग्रामीण विकास संबंधी स्थायी समिति और संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति का भी सदस्य बनाया गया। उन्होंने पार्टी के मुखपत्र ‘कमल संदेश’ के संपादक के तौर पर भी काम किया। मध्यप्रदेश भाजपा में उन्होंने मीडिया प्रभारी और प्रवक्ता का भी दायित्व निभाया। तत्कालीन समय में कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार थी, ऐसे में उनका मीडिया प्रभारी का दायित्व बेहद चुनौतीपूर्ण और संघर्षपूर्ण रहा, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया।
अपने संपूर्ण राजनीतिक जीवन के दौरान श्री झा के लेख विभिन्न राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय समाचार पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे। श्री झा का जन्म चार जून, 1957 को हुआ। वे पेशे से पत्रकार, लेखक और राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता रहे। उनके परिवार में पत्नी और दो पुत्र हैं।